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लोकसभा चुनाव लड़ने वाला रेस का घोड़ा और राज्यसभा लड़ने वाला शादी का, बोले भूपिंदर सिंह हुड्डा

हरियाणा के मुख्यंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा की मानें तो लोकसभा लड़ने वाला उम्मीदवार रेस का घोड़ा होता है और राज्यसभा चुनाव लड़ने वाला बारात यानी शादी का घोड़ा. उन्होंने इस बयान के जरिए अपनी ही पार्टी की नेता कुमारी शैलजा पर सीधा हमला किया.

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हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा
हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा

हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा की मानें तो लोकसभा चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार रेस का घोड़ा होता है और राज्यसभा चुनाव लड़ने वाला बारात यानी शादी का घोड़ा. उन्होंने इस बयान के जरिए अपनी ही पार्टी की नेता कुमारी शैलजा पर सीधा हमला किया. आपको बता दें कि 2009 में अंबाला लोकसभा चुनाव जीतने वाली कुमारी शैलजा ने मंगलवार को ही हरियाणा से राज्यसभा के नामांकन भरा था. इस दौरान सूबे के मुख्यमंत्री खुद भी मौजूद थे. पर अगले ही दिन हुड्डा के इस बयान से हरियाणा की सियासत का गर्माना तय है.

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दरअसल, हरियाणा के मुख्यमंत्री से कुमारी शैलजा के राज्यसभा जाने के बारे में सवाल किया गया तो इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'बारात के घोड़े राज्यसभा में जाते हैं और रेस के घोड़े लोकसभा चुनाव लड़ते हैं. मतलब क्या आप खुद निकाल लीजिए.'

हरियाणा कांग्रेस में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं है, ये बात अब किसी से नहीं छिपी. भूपिंदर सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा के मनमुटाव की खबरें कई बार सार्वजनिक हो चुकी हैं. गौरतलब है कि अगले एक साल में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं. पार्टी पिछले 10 सालों से सत्ता में रहने के कारण भारी सत्ता विरोधी लहर का सामना करेगी. इस दौरान अगर पार्टी के नेता आपस में ही भिड़ने लगे तो चुनाव में जीत तो ऊपरवाले के भरोसे हो जाएगी. यही वजह है कि कांग्रेस हाईकमान ने कुमारी शैलजा को राज्यसभा भेजकर इस शह-मात के खेल को थामने की कोशिश की. पर हुड्डा के इस ताजा बयान से यह अंदरुनी दंगल रुकता नहीं दिख रहा. इशारों में कुमारी शैलजा ने पलटवार भी कर दिया है. वो कहती हैं, 'पार्टी हाईकमान का आदेश था कि अब अंबाला का ही नहीं पूरे राज्य की बात उठाऊं.' यानी हुड्डा का एक तरह से कुमारी शैलजा से पीछा छूटा और दूसरी तरह से नहीं भी.

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राज्यसभा पर कांग्रेस की सियासी बिसात
राजनीति की बिसात क्या ऐसी होती है जिसमें सीधी लड़ाई न लड़ी जाए. इतिहास का तो नहीं पता पर फिलहाल कांग्रेस इसी बिसात के जरिए शह और मात का खेलना चाह रही है. दरअसल, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के करीबियों को राज्यसभा भेजने की कवायद शुरू हो गई है. दिग्विजय सिंह, मोती लाल वोरा और कुमारी शैलजा को राज्यसभा का टिकट दिया जाना इसी रणनीति का हिस्सा है. पार्टी सूत्र बताते हैं कि ये नेता आने वाले चुनावों की प्लानिंग के लिए अहम हैं इसलिए इनके लोकसभा चुनाव लड़ने से पार्टी को नुकसान होगा.

आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी भी बने शादी वाले घोड़े!
ये बात हुई कांग्रेस की. भूपिंदर सिंह हुड्डा के बयान को बीजेपी के प्लान से जोड़कर देखें. क्या कई सालों के पीएम इन वेटिंग लालकृष्ण आडवाणी भी अब अपनी पार्टी के लिए शादी के घोड़े हो गए हैं? क्योंकि मोदी खेमा तो उन्हें राज्यसभा भेजने की जुगत में है. लिस्ट में मुरली मनोहर जोशी का भी नाम है. हालांकि दोनों नेताओं ने इस बात पर हामी नहीं भरी पर बीजेपी के फैसले आजकल गुजरात से तय हो रहे हैं. आपको बता दें कि लालकृष्ण आडवाणी गुजरात के गांधीनगर और मुरली मनोहर जोशी वाराणसी सीट से लोकसभा सांसद हैं.

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