लोकसभा चुनाव में जबरदस्त बहुमत मिलने के बावजूद बीजेपी ने संसद में अपने एजेंडे को बिना किसी रुकावट के आगे बढ़ाने के लिए राजनैतिक बिसात बिछानी शुरू कर दी है. यही वजह है कि लोकसभा उपाध्यक्ष पद के लिए शिवसेना की दावेदारी को नजर अंदाज करते हुए एनडीए से बाहर के क्षत्रपों को साथ लाने के लिए बड़ा दांव चला है.
सूत्रों की मानें तो बीजेपी ने लोकसभा के डिप्टी स्पीकर पद के लिए नवीन पटनायक की बीजेडी और जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस को ऑफर दिया है. माना जा रहा है कि इन्हीं दोनों दलों में किसी एक को यह पद मिल सकता है. माना जा रहा है कि इसके जरिए बीजेपी अपने एनडीए के कुनबे को बढ़ाना चाहती है.
दरअसल बीजेपी जगन मोहन रेड्डी के जरिए कांग्रेस को संदेश देने की कोशिश कर रही है, क्योंकि वाईएसआर और कांग्रेस एक साथ नहीं चल सकते हैं. इसी तरह से कांग्रेस और बीजेडी कभी एक दूसरे के साथ नहीं रहे हैं. इस तरह से बीजेपी ने वाईएसआर और बीजेडी दोनों को डिप्टी स्पीकर का पद देकर अपने साथ जोड़कर रखना चाहती है.
2014 में भी बीजेपी ने ऐसा ही दांव चला था जब AIADMK एनडीए का हिस्सा नहीं थी. इसके बावजूद लोकसभा के उपाध्यक्ष का पद पर AIADMK के थंबीदुरई को दिया था. इसका नतीजा था कि मोदी सरकार के कई अहम मौकों पर AIADMK साथ खड़ी नजर आई थी और 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए का हिस्सा बनकर चुनाव लड़ी थी. इसी तरह से एक बार फिर बीजेपी 2014 वाला दांव चल रही है.
भाजपा बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस का दिल जीतने का लिए उन्हें लोकसभा के उपाध्यक्ष का पद दे सकती है. हालांकि इस पर अंतिम फैसला बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के सहयोगी दलों के साथ विचार-विमर्श के बाद करेगी, क्योंकि शिवसेना की भी नजर इसी कुर्सी पर लगी हुई है.
दरअसल पिछले दिनों शिवसेना ने लोकसभा उपाध्यक्ष पद पर दावा जताया है. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था कि यह कोई मांग नहीं है, बल्कि गठबंधन में दूसरा बड़ा दल होने के नाते उनका अधिकार है. हालांकि लोकसभा में उपाध्यक्ष का पद सामान्यत: विपक्ष को दिया जाता है. पिछली लोकसभा में इसे अन्नाद्रमुक को दिया गया था, जो विपक्षी दल के रूप में सदन में थी.
इस बार विपक्ष से बीजडी और वाईएसआर कांग्रेस को दिया जा सकता है. लोकसभा में बीजेडी के पास 12 और वाईएसआर कांग्रेस के पास 22 सांसद है. इस तरह से दोनों में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी के पास ज्यादा सांसद हैं. इसके अलावा दोनों पार्टियों के पास राज्यसभा में अच्छे खासे सदस्य हैं और हाल ही में जिस तरह से दोनों पार्टियां राज्य की सत्ता में विराजमान हुई हैं. इससे राज्यसभा में उनकी संख्या बढ़ सकती है. इस तरह से दोनों में किसी एक भी क्षत्रप को यह पद देकर बीजेपी बड़ा दांव चल सकती है. इसके जरिए बीजेपी संसद में अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने में सफल हो सकती है.