पश्चिम बंगाल में जारी हिंसा के बीच राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक बेनतीजा निकली. इस बैठक के लिए तृणमूल कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी, सीपीआई, कांग्रेस को न्योता भेजा गया था. इस बैठक में राज्यपाल ने सभी पार्टियों से करीब 1 घंटा चर्चा की.
राजभवन से बाहर निकलते हुए राज्य भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार ने कहा कि राज्यपाल पांच सुझावों के साथ आए थे लेकिन सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधि ने कहा कि वह मुख्यमंत्री और पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी से बात करने से पहले इसका समर्थन नहीं कर सकते.
मजूमदार ने त्रिपाठी के पहल की सराहना की और कहा कि उनकी पार्टी किसी भी कदम का समर्थन करेगी जो जारी हिंसा को रोके और शांति लाए. बीजेपी नेता ने कहा कि राज्यपाल द्वारा बैठक बुलाए जाने से ही यह साबित होता है कि राज्य में शांति नहीं है.
सीपीएम के पोलित ब्यूरो सदस्य मोहम्मद सलीम ने आरोप लगाया कि तृणमूल और बीजेपी राज्य का माहौल खराब करने की कोशिश कर रही है.
पश्चिम बंगाल में मचे राजनीतिक घमासान को शांत करवाने के लिए राज्यपाल ने यह बैठक बुलाई थी. बुधवार को भी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कोलकाता में पुलिस मुख्यालय का घेराव किया था. इस दौरान बीजेपी ने ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ हल्ला बोला. पुलिस की ओर से बीजेपी कार्यकर्ताओं पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए, पानी की बौछारें भी की गईं.
बीजेपी का आरोप है कि पुलिस की इस कार्रवाई में उनके कई कार्यकर्ता घायल हुए हैं. घायल होने वालों में महिला कार्यकर्ता भी शामिल हैं. बीजेपी का ये प्रदर्शन बंगाल बीजेपी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय की अगुवाई में हुआ था.
गौरतलब है कि बंगाल में लोकसभा चुनाव के दौरान जमकर हिंसा हुई थी. नतीजों के बाद भी बंगाल में हिंसा नहीं रुकी, हाल ही में 24 परगना में पार्टी झंडे को लेकर TMC-BJP समर्थक आमने-सामने आ गए थे. इस दौरान 5 बीजेपी और 3 टीएमसी कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी. जिसके बाद माहौल और भी गर्मा गया था.
बंगाल में इस बार हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को जबरदस्त सफलता मिली थी. बीजेपी ने राज्य में कुल 18 सीटें जीतीं, वहीं टीएमसी 37 से 22 पर आ पहुंची. यही कारण है कि अब 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है.