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OBC को लुभाने के लिए BJP ने बढ़ाया एक और कदम, केशव प्रसाद मौर्य को सौंपी कमान

लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही सभी दल अपने-अपने स्तर पर लोगों को लुभाने की कोशिशों में जुट गए हैं. केंद्र में बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार भी चुनावी तैयारियों में जुट गई है.

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केशव प्रसाद मौर्य (फाइल)
केशव प्रसाद मौर्य (फाइल)

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एक तरफ केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार ने अन्य पिछड़ा आयोग (OBC) को संवैधानिक दर्जा दिलाकर इसे चुनावों में भुनाने की तैयारी में है तो वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में बीजेपी चुपचाप पिछड़ी जातियों को एक-एक कर साधने में जुट गई है.

महागठबंधन के तेजी से उभार को देखते हुए केशव प्रसाद मौर्य को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह उत्तर प्रदेश में तमाम पिछड़ी जातियों का जातिवार सम्मेलन करें और एक-एक कर उन्हें बीजेपी के कार्यक्रमों से जोड़ें.

पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के इस फरमान के बाद बीजेपी जातिवार मीटिंग करने में जुटी है. पिछले 2 दिनों में लखनऊ में बीजेपी ने प्रजापति यानि कुम्हार, नाई और राजभर जैसे अति पिछड़ी जातियों का सम्मेलन किया है और अगले कुछ दिनों में दूसरी जातियों का भी सम्मेलन बुलाने जा रही है.

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सभी सम्मेलनों में केशव मौर्य और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मोदी सरकार के नीतियों और कार्यक्रमों को उनके सामने रखा, लेकिन जाति जुटाकर पार्टी यह संदेश देना चाहती थी कि सब कुछ एक तरफ और जाति की गोलबंदी एक तरफ.

प्रजापति यानि कुम्हारों के सम्मेलन में योगी आदित्यनाथ ने एक ओर तो माटी कला की बात की, वहीं जाति के नाम पर सपा और बसपा को भी जमकर कोसा. मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा था कि पिछली सरकारों ने नग्न तांडव किया, पिछड़ों के नाम पर पिछड़ों और दलितों को वंचित किया गया. सर्वे में पता चला कि आजादी के बाद भी कई जातियों को विकास योजना का लाभ नहीं मिला. हमने समग्र गांव योजना के साथ-साथ विकास कार्य किया.

योगी आदित्यनाथ ने जहां पिछड़ों के लिए किए अपने काम को गिनाया वहीं केशव प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर पिछड़ी जातियों के सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की जाति की याद दिलाई. मौर्य ने जातियों के इन सम्मेलनों में प्रधानमंत्री मोदी को देश का सबसे ताकतवर और बड़ा नेता बताते हुए उनकी जाति का भी उल्लेख किया और कहा कि जब देश का प्रधानमंत्री पिछड़ी जाति का है तो इन जातियों को अब कहीं और देखना नहीं चाहिए.

जातियों के इन सम्मेलनों के बाद केशव मौर्य ने आज तक से खास बातचीत की और पिछड़ी जातियों के लिए हो रहे इन सम्मेलनों के बारे में बताया.

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इसके बाद बीजेपी गुर्जर, जाट, सैनी, शाक्य, मल्लाह, निषाद समेत और दूसरी जातियों की भी मीटिंग आयोजित कर रही है और उन्हें भी इसके जरिए बीजेपी की विचारधारा की घुट्टी पिलाई जाएगी. अब देखना यह है जातिगत संगठन में माहिर केशव प्रसाद मौर्य 2019 में महागठबंधन के सामने किस तरह पिछड़ी जातियों के इस महागठबंधन को खड़ा कर पाते हैं.

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