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लोकसभा में समूचे विपक्ष की मांग, JPC करे राफेल डील की जांच

Opposition demands Joint Parliamentary Committee formation in rafel deal case लोकसभा में शुक्रवार को विपक्षी दलों ने एक स्वर में मांग की कि राफेल विमान सौदे में भ्रष्टाचार के कथित आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (Joint parliamentary committee) का गठन किया जाना चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में इस मुद्दे पर जवाब देना चाहिए.

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फोटो- PTI
फोटो- PTI

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राफेल विमान सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विपक्ष ने शुक्रवार को संसद में जमकर हंगामा किया. विपक्षी दलों ने लोकसभा में मांग की कि राफेल विमान सौदे में भ्रष्टाचार के कथित आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (Joint parliamentary committee) का गठन किया जाना चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में इस मुद्दे पर जवाब देना चाहिए.

लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राफेल डील में 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपये का घोटाला होने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह गणना इस सौदे की ऑफसेट साझेदार कंपनी रिलायंस डिफेंस के एक बयान में दिए गए आंकड़ों पर आधारित है. राफेल डील से संबंधित मुद्दों पर नियम-193 के तहत कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा पिछले 2 जनवरी को शुरू की गई चर्चा में शुक्रवार को भाग लेते हुए खड़गे ने सरकार पर सुप्रीम कोर्ट में कैग रिपोर्ट संबंधी झूठा हलफनामा देने का आरोप लगाया.

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उन्होंने कहा कि मोदी सरकार शीर्ष अदालत के जिस फैसले की बात कर रही है, उसमें कहीं उसे क्लीनचिट नहीं दी गई है और इस बारे में अदालत ने अधिकार क्षेत्र नहीं होने की भी बात कही है. इस दौरान सदन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी उपस्थित रहे. समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक खड़गे ने कहा, 'हमारी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले ही कह दिया था कि इस मामले का हल संसद में जेपीसी से ही निकल सकता है.' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सदन में आएं, चर्चा सुनें और जवाब दें.

कांग्रेस नेता खड़गे ने यह भी कहा कि नवंबर 2016 में एक अतारांकित सवाल के उत्तर में सरकार ने राफेल विमान की कीमत 670 करोड़ रुपये बताई थी. बाद में 2017 में दसॉ की एक विज्ञप्ति के आधार पर विमान की बढ़ी हुई कीमत 1670 करोड़ रुपये सामने आई. खड़गे ने कहा कि सरकार ने जब एक बार लोकसभा में प्रश्न के उत्तर में विमान की कीमत बता दी, तो अब उसकी बढ़ी हुई कीमत बताने में उसे क्या हर्ज है? अब सरकार गोपनीयता अनुबंध की बात क्यों कर रही है?

उन्होंने कहा कि इन सभी सवालों का जवाब Joint parliamentary committee (JPC) से ही मिल सकता है. समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव ने कहा कि यूपीए सरकार के समय राफेल विमान सौदे को अमली जामा पहना दिया जाना चाहिए था, जिसमें देरी के लिए पिछली सरकार जिम्मेदार है. उन्होंने यह भी कहा कि अब साल 2016 में एनडीए सरकार के समय हुए इस सौदे पर खड़े हो रहे सवालों का जवाब मिलना चाहिए. उन्होंने भी सौदे के मामले में जेपीसी जांच की मांग की. तेलंगाना राष्ट्र समिति के एपी जितेंद्र रेड्डी ने भी कहा कि जेपीसी बनाई जानी चाहिए, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. आरजेडी के जयप्रकाश नारायण यादव ने भी जेपीसी के गठन की मांग की.

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