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बीजेपी ने दिया साथ, लोकसभा में पेंशन विधेयक पास

वाम दलों के भारी विरोध के बावजूद मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के सहयोग से लोकसभा ने बुधवार को काफी समय से लंबित पेंशन निधि विनियमन एवं विकास प्राधिकरण विधेयक 2011 (Pension Fund Regulatory and Development Authority Bill 2011) को मंजूरी दे दी.

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लोकसभा में पेंशन विधेयक पास
लोकसभा में पेंशन विधेयक पास

वाम दलों के भारी विरोध के बावजूद मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के सहयोग से लोकसभा ने बुधवार को काफी समय से लंबित पेंशन निधि विनियमन एवं विकास प्राधिकरण विधेयक 2011 (Pension Fund Regulatory and Development Authority Bill 2011) को मंजूरी दे दी.

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विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि इस विधेयक में स्थायी समिति की लगभग सभी सिफारिशों को स्वीकार किया गया है और लोगों की आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया गया है.

उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से पेंशन योजना को आकषर्क बनाने का प्रयास किया गया, जिसमें लोगों को इस बात की जानकारी होगी कि उनके पैसे का निवेश कहां किया जा रहा है. प्राधिकार इस बात को अधिसूचित करेंगे कि पैसे का निवेश कहां किया जा रहा है.

चिदंबरम ने कहा कि पेंशन बाजार, इक्विटी बाजार और अन्य बाजार की वर्तमान स्थिति को देखते हुए इनके बीच संतुलन बनाये जाने की जरूरत है, क्योंकि सभी में निवेश की सीमा निर्धारित है.

उन्होंने कहा कि 26 राज्य राष्ट्रीय पेंशन योजना में शामिल हुए हैं और तमिलनाडु भी अधिसूचना के माध्यम से इससे जुड़ चुका है. आज की तिथि में इस योजना के कुल ग्राहकों की संख्या 52 लाख से अधिक है और कुल अस्तियां 34,965 करोड़ रुपये हैं.

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वित्त मंत्री ने कहा कि यह विधेयक एक शानदार उदाहरण है कि किस तरह से एक पूर्ववर्ती सरकार (एनडीए) इसे अधिसूचित करती है, दूसरी सरकार (यूपीए) इसे पेश करती है और फिर इसे स्थायी समिति में भेजा जाता है और अगली सरकार (यूपीए 2) में इसे पारित कराने के लिए बढ़ाया जाता है. चिदंबरम ने कहा कि इस विधेयक में पहली बार एक विधिक प्राधिकार के गठन की बात कही गई है जो जवाबदेही तय करेगी और दोषियों को दंडित करने का भी काम करेगी.

बीजेपी ने कहा- यह विधेयक हमारा है
इससे पहले, विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए बीजेपी के निशिकांत दुबे ने इसका पूर्ण समर्थन करते हुए कहा कि पेंशन सुधार की शुरुआत वाजपेयी सरकार ने की थी और इस नजरिए से यह हमारा (बीजेपी) विधेयक है. उन्होंने कहा कि मौजूदा विधेयक में भी सरकार ने बीजेपी की ओर से सुझायी गयी कई बातों को शामिल किया है. उन्होंने कहा कि मुख्य विपक्षी दल होने के नाते बीजेपी रचनात्मक भूमिका निभाने की पक्षधर है और वह नहीं चाहती कि 1991 जैसे आर्थिक संकट की स्थिति बने.

शिवसेना ने भी विधेयक का समर्थन किया. पार्टी के सदस्य अनंत गीते ने कहा कि हम इस विधेयक का समर्थन करने के साथ ही यह चिंता भी जताना चाहते हैं कि पेंशन के लिए जो फंड बना रहे हैं, उसका निवेश बहुत सोचसमझ कर होना चाहिए और ऐसी कोई स्थिति न बने जिससे पेंशनधारियों का धन जोखिम में पड़े.

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वाम दलों का विरोध
भाकपा के गुरूदास दासगुप्ता ने विधेयक का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यह सरकार पश्चिमी देशों के नक्शे कदम पर चल रही है जहां सामाजिक सुरक्षा को वापस लेने का चलन जोरों पर है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार पश्चिमी पूंजीवाद के हाथों बिक चुकी है.

समाजवादी पार्टी ने यहां नहीं दिया सरकार का साथ
सरकार को बाहर से समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी के शैलेन्द्र कुमार ने ‘पेंशन निधि नियामक और विकास प्राधिकरण विधेयक 2011’ का विरोध किया. विधेयक में अन्य चीजों के अलावा पेंशन कोष विकसित कर वृद्धावस्था आय सुरक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए एक प्राधिकरण के गठन का प्रावधान किया गया है.

सपा, बसपा, बीजेडी के साथ ही तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और वाम दलों ने विधेयक के कई प्रावधानों का विरोध किया. इन सभी दलों ने विशेष रूप से ‘सामाजिक सुरक्षा धनराशि’ को अस्थिर स्टाक बाजार में लगाने तथा ‘इस गाढ़ी कमाई’ के प्रबंधन के लिए एफडीआई की अनुमति देने के प्रावधानों का विरोध किया. मंत्री के जवाब के बाद सदन ने विपक्ष की ओर से रखे गए संशोधनों को अस्वीकार करते हुए विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी.

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