संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी विपक्षी पार्टियों का हंगामा जारी है. लोकसभा में जब हंगामा करते हुए विपक्षी पार्टी के सांसद वेल में आ गए, तो लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने उन्हें चेतावनी दे दी. ओम बिड़ला ने कहा कि पहले ये परंपरा रही होगी, लेकिन अब सदन में ऐसा नहीं होगा.
वेल में आए सांसदों को चेतावनी देते हुए लोकसभा स्पीकर ने कहा, ‘पहले भले ही इस प्रकार का चलन रहा हो, लेकिन अब इस तरीके को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अगर ऐसा जारी रहा तो उनके खिलाफ एक्शन भी लिया जा सकता है’.
Lok Sabha: Opposition leaders come into the Well of the House, shouting slogans of 'We want justice, we want justice and 'Jawab do, jawab do'. https://t.co/XOr2RkHysU pic.twitter.com/z9eQ0YsgxS
— ANI (@ANI) November 19, 2019
दरअसल, मंगलवार को जब लोकसभा में किसानों को लेकर चर्चा शुरू हुई और सवाल पूछा गया. तो लोकसभा स्पीकर ने कहा कि अभी चर्चा होने दें. हालांकि, इस चेतावनी के बाद भी सांसदों ने नारेबाजी बंद नहीं की.
किसानों के मुद्दे पर चर्चा के दौरान वेल में आए सांसदों ने ‘तानाशाही बंद करो, बंद करो’ के नारे लगाए. इसके अलावा सांसदों की तरफ से ‘वी वांट जस्टिस’ और ‘जवाब दो, जवाब दो’ के नारे लगाए गए.
लोकसभा में उठा JNU का मसला
मंगलवार को कई सांसदों ने लोकसभा में जेएनयू का मसला उठाया और सरकार से हॉस्टल फीस हुई बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग की. BSP सांसद कुंवर दानिश अली ने शून्यकाल में उठाया जेएनयू का मुद्दा लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ने उसे इनकार कर दिया क्योंकि वह विषय सूचीबद्ध नहीं था.
क्यों हंगामा कर रहा है विपक्ष?
आपको बता दें कि विपक्ष की तरफ से लगातार सदन में जम्मू-कश्मीर का मसला उठाया जा रहा है. इसके अलावा कांग्रेस की तरफ से गांधी परिवार से SPG सुरक्षा वापस लेने के मसले को भी उठाया जा रहा है और सरकार पर निशाना साधा जा रहा है. सोमवार को भी विपक्षी पार्टियों ने अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी के मसले पर सरकार को घेरा था.