आखिरकार नौ दिनों से चल रहा अन्ना का अनशन रंग लाया और संसद में लोकपाल बिल पारित हो गया है. मंगलवार को लोकपाल बिल राज्यसभा में पास हुआ था और आज यह लोकसभा में भी पारित हो गया. इसके साथ ही अब यह कानून बन जाएगा. इसके साथ ही रालेगण में लोकसभा की कार्यवाही देख रहे अन्ना हजारे ने नौ अपना अनशन भी तोड़ दिया है.
भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर प्रावधानों वाले बहुचर्चित लोकपाल विधेयक का संसद के निचले सदन लोकसभा में बीजेपी और वाम दलों समेत अधिकांश पार्टियों ने समर्थन किया और यह लोकसभा में भी ध्वनिमत से पारित हो गया.
हालांकि समाजवादी पार्टी ने इसका विरोध किया और सदन से वॉक आउट किया. समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने यह कहते हुए इसका विरोध किया कि यह बिल खतरनाक है और उन्होंने सोनिया गांधी से इसे वापस लेने का आग्रह किया.
उधर लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने इसे ऐतिहासिक बताते हुए इसके लिए पूरा श्रेय अन्ना हजारे को दिया है. जबकि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस बिल के पास होने से भ्रष्टाचार के खात्मे की बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा, 'अगर हम सच में भ्रष्टाचार मिटाना चाहते हैं तो फ्रेम वर्क की जरूरत है. एक बिल से बात नहीं बनेगी. सात बिल और पास करने की जरूरत है.'
लोकसभा में बिल पास होने के बाद इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है. संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा, ‘यह एक ऐतिहासिक दिन है. लोकपाल बिल का पास होना हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है. इस बिल से जुड़े छह और पूरक बिल हैं इन्हें भी पास कराने की जरूरत है. हम इन्हें लाने से पहले विपक्ष से बात करेंगे. लोकसभा का सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है और हम इसे दो दिनों की नोटिस पर फिर बुला सकते हैं.’
मंगलवार को राज्यसभा में हुआ था पारित
लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक, 2011 दो साल से उच्च सदन में लंबित था और करीब पांच घंटे की चर्चा के बाद इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. सपा ने हालांकि इस विधेयक को देश हित के विरूद्ध करार देते हुए चर्चा के दौरान सदन से वाकआउट किया. प्रधानमंत्री का पद कुछ सुरक्षा प्रावधानों के साथ इस प्रस्तावित कानून के दायरे में आएगा. सदन ने विधेयक पर लाये गये सभी सरकारी संशोधनों को ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया जबकि वाम सदस्यों द्वारा लाये गये संशोधनों को मत विभाजन में खारिज कर दिया. उच्च सदन में पारित होने के बाद यह विधेयक लोकसभा में रखा गया था. हालांकि इसे लोकसभा पहले ही पारित कर चुकी थी लेकिन नये सरकारी संशोधनों के कारण विधेयक दोबारा लोकसभा की मंजूरी के लिए लाया गया.
लोकपाल की मांग में अन्ना कर रहे थे अनशन
समाजसेवक अन्ना हजारे अपने गांव रालेगण सिद्धि में लोकपाल विधेयक संसद से पारित कराने की मांग पर पिछले नौ दिनों से अनशन कर रहे थे. उन्होंने मौजूदा सरकारी लोकपाल विधेयक का पुरजोर समर्थन किया है. अन्ना ने यह पहले ही घोषणा कर रखी थी कि दोनों सदनों में लोकपाल बिल पास होते ही वो अपना अनशन समाप्त कर देंगे और जैसे ही बुधवार को यह बिल लोकसभा में पारित हुआ तो अन्ना खुशी से झूम उठे और उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले दो-तीन महीने में यह बिल कानून बन जायेगा. इसके साथ ही अन्ना ने अपना अनशन भी तोड़ दिया. हालांकि अन्ना टीम से अलग होकर आम आदमी पार्टी बनाने वाले अरविन्द केजरीवाल ने इस विधेयक को जोकपाल बताते हुए इसे खारिज कर दिया है.