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रेल हादसों और रेल रोको से भारतीय रेलवे को 800 करोड़ का नुकसान

मौजूदा परिस्थितियों में रेल पटरियों से छेड़छाड़ के कई मामले सामने आ रहे हैं जिससे इस आशंका को बल मिला है कि कहीं ये किसी साजिश का हिस्सा तो नहीं हैं. लेकिन इस बारे में बगैर जांच के साफ-साफ कहना अभी संभव नहीं है.

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रेल हादसों की संख्या में इजाफा
रेल हादसों की संख्या में इजाफा

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बार-बार हो रहे रेल हादसों और रेलवे के परिचालन में बाधा डालने की कोशिशों की वजह से भारतीय रेलवे को इस वित्तीय वर्ष में 24 जनवरी तक तकरीबन 800 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. रेलवे बोर्ड के मेंबर ट्रैफिक मोहम्मद जमशेद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात की जानकारी दी है.

मोहम्मद जमशेद ने कहा पिछले दो तीन महीनों में रेलवे के बढ़े हुए हादसों के चलते सेफ्टी और सिक्योरिटी चिंता की सबसे बड़ी वजह है. रेल हादसों में बाहरी हाथ की आशंका के चलते रेलगाड़ियों की सेफ्टी एक बड़ी चुनौती है. इसके मद्देनजर भारतीय रेलवे ने अपने सभी अफसरों को रात में चलने वाली ट्रेनों में फुट प्लेटिंग करने के निर्देश जारी किए हैं. इन सबके बावजूद बार-बार हो रहे रेल हादसे वाकई चिंता का सबब है.

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उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में रेल पटरियों से छेड़छाड़ के कई मामले सामने आ रहे हैं जिससे इस आशंका को बल मिला है कि कहीं ये किसी साजिश का हिस्सा तो नहीं हैं. लेकिन इस बारे में बगैर जांच के साफ-साफ कहना अभी संभव नहीं है. लिहाजा रेलवे ने सभी राज्यों से गुहार की है कि वह अपने पुलिस तंत्र को पूरी तरह से अलर्ट रखें जिससे इस तरह की किसी घटना को समय रहते रोका जा सके.

जमशेद के मुताबिक रेल पटरी से उतरने की वजह से बार-बार हो रहे रेल हादसे सामान्य तो कतई नहीं कहे जा सकते. लेकिन इनके पीछे की सच्चाई तभी सामने आ पाएगी जब जांच पूरी हो जाएगी। उन्होंने बताया कि रेल हादसों और रेलवे के यातायात से छेड़छाड़ के मामलों की वजह से चालू वित्त वर्ष में भारतीय रेलवे को तकरीबन 800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि इन हादसों में बाहरी कारणों की वजह से हो रहे हादसों को रोकना एक बड़ी चुनौती है. इसके लिए देशभर में सभी राज्यों की सुरक्षा एजेंसियों से सहयोग अपेक्षित है.

मेंबर ट्रैफिक ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में 24 जनवरी तक रेलवे को हादसों की वजह से माल ढुलाई के मामले में तकरीबन 700 करोड़ रुपये का और सवारी गाड़ियों के परिचालन के बाधित होने की वजह से तकरीबन 100 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है . उन्होंने बताया कि पुखराया रेल हादसे या अन्य दूसरे हादसों के मामले में किसी बाहरी हाथ की आशंका तो है लेकिन रेलवे कर्मचारियों की मुस्तैदी के चलते पिछले साल जनवरी से दिसंबर के बीच 45 रेल हादसों को सतर्कता के चलते टाल दिया गया.

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जमशेद ने कहा इस सेफ्टी और सिक्योरिटी हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है और रेल यात्रियों को सुरक्षित यात्रा कराना हमारी ड्यूटी है. उन्होंने बताया कि पुखराया घटना की जांच के लिए पुलिस के अलावा अन्य जगहों से भी मदद ली जा रही है. रेल गाड़ियों के पटरी से उतरने की घटनाओं में बढ़ोतरी को देखते हुए मंत्रालय दक्षिण कोरिया, जापान और इटली के विशेषज्ञों की मदद ले रहा है. जापान और दक्षिण कोरिया की टीमें कानपुर का दौरा करके लौट आई हैं और वह अध्ययन करके अपनी सिफारिशें देंगी.

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