जून में एक हफ्ते की देरी से शुरू हुए दक्षिण-पश्चिम मानसून को जहां अरब सागर में पनपे चक्रवाती तूफान ओशोबा से शुरुआती फायदा पहुंचा वहीं अब अरब सागर में बन रहा दूसरा कम दबाव का क्षेत्र गुजरात के पोरबंदर में सक्रिय हो रहा है. मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार सुबह तक यह कम दबाव का क्षेत्र लगभग 24 घंटों तक स्थिर रहा. हालांकि अब वेस्टर्न डिस्टर्बेन्स से इसका रुझान गुजरात के तटीय इलाकों की तरफ बन रहा है और अगले 24 घंटों में अनुमान है कि यह पूर्व-उत्तर पूर्व दिशा में आगे बढ़ सकता है.
मौसम विभाग के मुताबिक इस कम दबाव के क्षेत्र का धीमी गति से आगे बढ़ने और वेस्टर्न डिस्टर्बेन्स के चलते यह गहरे दबाव के क्षेत्र में बदल सकता है और इसीलिए इसे चक्रवाती तूफान की श्रेणी से बाहर रखा जा रहा है. वहीं, जहां मानसून की शुरुआत में आया अशोबा तूफान ओमान के तटीय इलाकों से जाकर टकरा गया था वहीं यह नया कम दबाव का क्षेत्र गुजरात की तरफ बढ़ रहा है और इसके दक्षिणपूर्व राजस्थान और पश्चिमी मध्य प्रदेश की ओर रुख करने के आसार दिख रहे हैं.
मौसम विभाग का अनुमान है कि गुजरात के तटों पर उभरती नई स्थिति से उत्तरपश्चिम भारत में अच्छी से बहुत अच्छी बारिश देखने को मिल सकती है. इसके साथ ही गर्मी और लू से बेहाल पश्चिम राजस्थान को भी राहत मिलने का अमुमान है.
आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक, अगले 24 घंटों में छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ, झारखंड और ओडिशा के इलाकों में बहुत तेज बारिश का अनुमान है. वहीं पश्चिमी मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल में गंगा के नजदीक इलाके, अरुणांचल प्रदेश, असम, मेघालय, तेलंगाना, तटीय कर्नाटक, केरल, कोणकन समेत गोवा के इलाकों में तेज बारिश का अनुमान है. वहीं भारतीय मौसम विभाग का मानना है कि देश के उत्तर-पश्चिम इलाकों में 24-48 घंटों में तेज बारिश होने का अनुमान है.
इसके साथ ही मौसम विभाग ने गुजरात और उत्तर महाराष्ट्र में मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की चेतावनी जारी की है.