नोटबंदी के 39 दिन गुजर जाने के बाद सरकारी संस्थानों की बजाय छोटे व्यापारी कैशलेस इंतजाम को लेकर ज्यादा जागरुक नजर आ रहे हैं. इस इंतजाम का जायजा लेने जब आजतक की टीम दिल्ली के ITO पर रिएलिटी चेक करने पहुंची तो एक छोटी सी दुकान में कैशलेस पेमेंट के इंतजाम देखकर हैरान रह गयी
पिछले कई सालों से ITO के पासपोर्ट दफ्तर के ठीक सामने फोटोकॉपी, फॉर्म फिलिंग और पासपोर्ट साइज फोटो की दुकान चला रहे पंकज और मोहसिन ने कैशलेस पेमेंट के अनोखे इतंजाम किए हैं. इस दुकान में पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन भरने के लिए 1500 + 200 रुपए फीस देनी होती है. जो लोग इंटरनेट या कैश की किल्लत की वजह से ये काम नहीं कर पाते हैं वे यहां जरूर आते हैं.
नोटबंदी और कैशलेस होने पर क्या कहते हैं दुकानदार?
नोटबंदी ने देश के भीतर बहुत सारे लोगों को कैशलेस होने के लिए मजबूर किया है. वे पैसे के आदान-प्रदान के लिए पेटीएम के साथ-साथ दूसरे इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों का इस्तेमाल कर रहे हैं. नोटबंदी घोषणा के 4 दिनों के भीतर ही पंकज ने पेटीएम लगवा लिया. उन्हें खुले नोट और कैश को लेकर काफी दिक्कत आ रही थी. उन्होंने अब दुकान में ऑनलाइन बैंकिंग का इंतजाम भी कर लिया है.
पेटीएम के फायदे गिनाते हुए दुकानदार मोहसिन बताते हैं कि इसके जरियए 2 रुपए से 200 रुपए तक की धनराशि ट्रासंफर कर लेते हैं. हालांकि वे कई ऐसे लोगों के भी दुकान में आने का जिक्र करते हैं जिनके पास कैश के बजाय सिर्फ डेबिट या क्रेडिट कार्ड होता है. वे इस परेशानी से निपटने के लिए स्वाइप मशीन खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं.