देश में आपसी रजामंदी से यौन संबंध बनाने की न्यूनतम उम्र को 18 साल से घटाकर 16 वर्ष करने के सरकारी प्रस्ताव के खिलाफ योग गुरु बाबा रामदेव ने मोर्चा खोल दिया है. रामदेव का मानना है कि इस प्रस्ताव को अमली जामा पहनाने से न केवल नादानी को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि बलात्कार की घटनाएं भी बढ़ेंगी.
योग गुरु ने कहा, ‘सहमति से सेक्स की न्यूनतम उम्र को 18 साल से कम किया जाना शारीरिक, व्यावहारिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टि से उचित नहीं है. अगर यह फैसला किया जाता है, तो इससे बलात्कार की घटनाएं बढ़ेंगी.’
रामदेव ने जोर देकर कहा, ‘यह फैसला किसी भी कीमत पर नहीं किया जाना चाहिये, क्योंकि यह परिवार, समाज और राष्ट्र के लिये शुभ साबित नहीं होगा.’
उन्होंने कहा, ‘शरीर विज्ञान और मनोविज्ञान के मुताबिक कोई व्यक्ति 18 साल का होने पर ही बालिग होता है. अगर वयस्कता की उम्र को घटाकर 16 साल किया जाता है, तो इसका मतलब नादानी को प्रोत्साहन देना होगा.’
योग गुरु के मुताबिक देश में आपसी रजामंदी से सेक्स की न्यूनतम उम्र को 18 साल से घटाकर 16 वर्ष करने का प्रश्न केवल यौन गतिविधियों से जुड़ा नहीं है, बल्कि इसका जुड़ाव शादी के अधिकार से भी है.
उन्होंने कहा, ‘अगर 16 साल की कच्ची और नादान उम्र में लड़का..लड़की शादी करके संतान पैदा करते हैं, तो इससे हम अच्छे भारत का निर्माण नहीं कर सकते.’