जज लोया की मौत के मामले में जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान दोनों पक्षकारों के बीच बहस छिड़ गई. तभी जस्टिस चंद्रचूड ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि हमें क्या करना है, ये हमें पता है. किससे क्या पूछना है, ये हम जानते हैं. हमारी अंतरात्मा और हृदय साफ है.
दरसअल, सुनवाई के दौरान मुंबई लॉयर्स एसोसिएशन के वकील दुष्यन्त दवे ने कोर्ट की ओर इशारा करते हुए कहा था कि जो भी दलील हम देते हैं, आप फौरन उसकी काट बता देते हैं. आप कह रहे हैं कि जज लोया की मौत की वजह इससे अलग भी कुछ हो सकती है. जबकि महाराष्ट्र सरकार के वकील से आपने ऐसा कोई सवाल नहीं किया.
सुनवाई के दौरान एक बार फिर दुष्यन्त दवे और महाराष्ट्र सरकार के वकील मुकुल रोहतगी के बीच तीखी नोकझोंक हुई. ये तब हुआ जब महाराष्ट्र पुलिस की गोपनीय जांच पर दवे ने सवाल उठाये थे. तब मुकुल रोहतगी ने कहा कि जजों के बयान, पुलिस की जांच और डॉक्टरी रिपोर्ट सब गलत हैं, केवल दुष्यन्त दवे सही हैं.
याचिकाकर्ता की ओर से प्रशांत भूषण ने जज लोया की ECG रिपोर्ट पर सवाल उठाए. भूषण ने दलील दी कि हमने और भी कई विशेषज्ञ डॉक्टरों की इस पर राय ली है. विशेषज्ञों ने बताया कि हिस्टोपैथोलॉजिकल जांच रिपोर्ट के मुताबिक भी जज की मौत हार्ट अटैक से नहीं हुई है.
हिस्टोपैथोलॉजी के जरिए शरीर के विभिन्न अंगों के ऊतकों यानी टिशूज की जांच की जाती है. इसके जरिये मौत के समय उन अंगों पर पड़ने वाले असर से मौत की वजह पता चलती है कि दिल की धड़कन किसी और वजह से बंद हुई या हार्ट अटैक से.
भूषण ने ये भी कहा कि इस मामले में जानबूझकर एक अखबार में हार्ट अटैक की खबर को प्लांट कराई गई. अब सवाल ये उठता है कि आखिर खबर किसने प्लांट कराई. इसकी भी जांच होनी चाहिए. कोर्ट में इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को भी जारी रहेगी.