सरकार ने 'आधार' भुगतान प्रणाली के जरिए एक अक्टूबर से 14 करोड़ एलपीजी ग्राहकों को सब्सिडी सीधे उनके बैंक खातों में डालने की योजना बनाई है.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सरकार ने देश भर में एलपीजी के लिए प्रत्यक्ष नकद ट्रांसफर (डीबीटी) योजना संभवत: 1 अक्टूबर से शुरू करने का फैसला किया है. सूत्रों ने बताया, ‘एलपीजी सब्सिडी के ट्रांसफर के लाभार्थियों की संख्या अधिक होगी और इनके लिए बैंक खाते खोलने की व इन्हें आधार से जोड़ने की जरूरत होगी. बैंकों से कहा गया है कि वे इस योजना को पेश करने के लिए तैयार रहें.’
उपभोक्ता को एलपीजी सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने के लिए अपने बैंक खातों के साथ आधार नंबर जोड़ना होगा. हर उपभोक्ता को सालाना 4,000 रुपये की सब्सिडी मिलेगी. प्रत्येक उपभोक्ता को सालाना सब्सिडी वाले 9 सिलेंडर मिलेंगे. यूआईडीएआई ने अब तक करीब 32 करोड़ आधार कार्ड जारी किए हैं, लेकिन अभी सिर्फ 80 लाख बैंक खाते आधार संख्या से जुड़े हैं.
एलपीजी सब्सिडी के लिए पायलट परियोजना के तहत 15 मई तक देश के 20 जिलों में यह सुविधा दी जाएगी.
सूत्रों ने बताया कि सब्सिडी ट्रांसफर की प्रक्रिया पर काम हो रहा है. उपभोक्ताओं को मौजूदा बाजार मूल्य पर :दिल्ली में 901.50 रुपये प्रति सिलेंडर: पर खरीदना होगा और सब्सिडी की राशि बैंक खातों में भेजी जाएगी. वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से कहा है कि वे खातों को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया तेज करें.
सरकार को उम्मीद है कि सीधे नकद ट्रांसफर से फर्जी एलपीजी कनेक्शन और सिलेंडरों का दुरपयोग खत्म होगा. प्रत्यक्ष नकद ट्रांसफर के तहत सब्सिडी और अन्य लाभ सीधे आधार से जुड़े लाभार्थी के बैंक खातों में भेजा जाता है.
इधर, वित्त मंत्री पी चिदंबरम, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया, पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली और ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश सोमवार को राज्य के अधिकारियों के साथ प्रत्यक्ष ट्रांसफर स्कीम की समीक्षा करने वाले हैं.