राजधानी लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी की मंहगाई विरोधी महारैली के बाद विधानसभा का घेराव करने के लिए कूच कर रहे पार्टी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जमकर संघर्ष हुआ जिसमें तीन दर्जन लोग घायल हो गए. घायलों में राजनाथ सिंह, मुख्तार अब्बास नकवी और पंकज भी शामिल हैं.
आगे बढ़ने पर आमादा भाजपा कार्यकताओं को रोकने के लिए पहले से भारी संख्या में तैनात पुलिस और पीएसी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को तितर बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया. दोनों तरफ से पत्थरबाजी भी हुई. दो घंटे तक चले इस संघर्ष में पुलिस पीएसी और त्वरित कार्रवाई बल के जवानों ने भीड़ पर पानी की बौछारे की. आंसू गैस के गोले दागे, रबड़ की गोलियां भी चलायी. इसमें तीन दर्जन लोग घायल हो गए.
जिनमें कुछ पुलिसकर्मी और वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता भी शामिल हैं. घायलों में पार्टी के उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी और राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह शामिल हैं. नकवी के सिर में चोट लगी है जबकि पंकज के हाथ में फ्रैक्चर हो गया है. पुलिस की इस कार्रवाई के विरोध में पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह, डॉ. मुरली मनोहर जोशी एवं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रमापति राम त्रिपाठी के नेतृत्व में हजारों कार्यकर्ता रैली मैदान पर ही अनिश्चित कालीन धरने पर बैठ गये.
राजनाथ सिंह ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर बेवजह कार्रवाई किये जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि स्वयं मौके पर रहकर उन्होंने पुलिसकर्मियों को उत्तेजित करने वाली कार्रवाई न करने की अपील की, मगर पुलिस की तरफ से पत्थर चलाये गये. उन्होंने कहा कि ‘पुलिस ने जिस तरीके से भाजपा कार्यकताओं पर पथराव किया, पानी की बौछारे मारी और आंसू गैस के गोले दागे वह सरासर गलत है.’
उन्होंने दोषी पुलिस कर्मियों के निलंबन की मांग करते हुए कहा कि ‘हालांकि इस घटना की पक्की जानकारी नही है, मगर कुछ कार्यकर्ताओं को गोली लगने की भी खबर है, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है.’ वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. जोशी ने आरोप लगाया कि पुलिस कार्रवाई की कोई आवश्यकता नही थी, जबकि स्वयं घायल हुए नकवी ने पुलिस कार्रवाई को बर्बर और जनतंत्र विरोधी करार दिया.