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लखनऊ: ड्रामा खत्म, काबू में आया शमीम

लखनऊ में पिछले 39 घंटों से बंद कमरे में फायरिंग कर रहे नौजवान शमीम को कमरे से बाहर निकाल लिया गया है. युवक की फायरिंग से एक दारोगा व एक अन्य पुलिसकर्मी घायल हो चुके हैं.

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राजधानी लखनऊ के बख्शी तालाब क्षेत्र में खुद को कमरे में बंद कर गोलियां चलाने वाले मानसिक रुप से विक्षिप्त युवक शमीम को पुलिस ने अंतत: 40 घंटे के अथक प्रयास के बाद सकुशल गिरफ्त में ले लिया और उसे अर्धचेतन अवस्था में अस्पताल ले जाया गया है.

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ग्रामीण पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने बताया कि युवक को बचाने के लिए उसके कमरे में बेहोशी की दवा छोड़ी गयी जिसका असर होने पर पुलिस दरवाजा तोड़कर कमरे में घुसी और शमीम को अर्धचेतन अवस्था में बाहर निकलाने से सफल रही. उसके पास से दोनाली बंदूक बरामद की गयी है. कुमार ने बताया कि सुबह उसने कमरे मे आग भी लगा ली थी, जिसे फायर ब्रिगेड ने बुझा दिया था.

गौरतलब है बख्शी का तालाब इलाके के इंदौराबाग में डॉ. शब्बीर अहमद के पुत्र शमीम सिद्दिकी उर्फ राजू ने कल सुबह से खुद को कमरे में बंद कर लिया था और उसको कमरे से बाहर निकालने के लिए पुलिस द्वारा जब जब प्रयास किये वह अपने पिता की लाइसंेसी बंदूक से गोली चला देता था. इस घटना में दो पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं.

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लखनऊ विश्वविद्यालय से गणित में एमएससी करने वाला शमीम गाजियाबाद से बीएड की पढ़ाई कर रहा है. वह पिछले कुछ समय से मानसिक रुप से परेशान चल रहा है.

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