लखनऊ शूटआउट में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विवेक तिवारी की पत्नी से फोन पर बात की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. विवेक की पत्नी कल्पना ने मर्डर की रात की पूरी कहानी बयां करते हुए कहा कि पुलिस हमें गुमराह करती रही और उनके पति को ही गलत ठहराने की कोशिश हुई.
विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी ने 'आजतक' से बातचीत में कहा कि हमने मंत्री के आश्वासन के बाद अपने पति का अंतिम संस्कार किया है. उन्होंने कहा कि यूपी सरकार के मंत्री ब्रजेश पाठक हमसे मिलने भी आए थे. पुलिस ने भी निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है, साथ ही हरसंभव मदद की बात कही है.
क्या हुआ था उस रात
कल्पना ने हादसे वाली रात के हर बीतते पल की सिलसिलेवार जानकारी दी, जिसमें पुलिस का अमानवीय चेहरा दिखा. घटना की जानकारी देते हुए कल्पना ने कहा कि उनकी विवेक से रोज 5-6 बार फोन पर बात होती थी. हादसे के दिन एप्पल फोन की लॉन्चिंग थी, ऐसे किसी भी दिन वो लोग पार्टी करते और उन्हें आते-आते 1-2 बज जाते थे. शाम 6 बजे मेरी विवेक से बात हुई थी फिर 8 बजे बात हुई उसके बाद 10.30 फिर बात हुई. तब उन्होंने कहा कि सब अच्छे से हो गया है और हम लोग पार्टी करने जा रहे हैं.
रात डेढ़ बजे हुई थी आखिरी बार बात
कल्पना ने आगे बताया कि रात डेढ़ बजे विवेक से आखिरी बार बात हुई थी. तब उन्होंने बोला कि सना अकेली बची हुई है और इसे छोड़कर मैं घर आ रहा हूं. लेकिन फिर वक्त ज्यादा होते देख मैंने 2 बजे से उनको कॉल करना शुरू किया. दोनों नंबर्स पर फोन नहीं उठ रहा था. हमेशा से कॉल मिस्ड होने पर वो तुंरत कॉल करते या फिर मैसेज कर बता देते थे.
हमें एक्सीटेंड बताया गया
उस रात के बारे में आगे कल्पना ने कहा कि लगातार फोन करते-करते 3 बजे चुके थे. इसके बाद सवा तीन के करीब एक आदमी का फोन आता है. वो आदमी कहता है कि मैडम विवेक की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया है, ज्यादा कुछ नहीं हुआ बस उनके सिर में हल्की सी चोट लगी है. तब विवेक की पत्नी ने उस आदमी से सना के बारे में पूछा तो उसने बताया कि उन्हें भी हल्की चोट आई है और दोनों की पट्टी हो रही है. बकौल कल्पना मैंने उस आदमी से किसी भी एक से बात कराने के लिए कहा.
अस्पताल में घुमाते रहे, फिर कर दिया कमरे से बाहर
हादसे के दिन को याद करते हुए कल्पना ने आगे बताया कि उस आदमी ने विवेक या सना किसी से भी मेरी बात नहीं कराई और कहा कि अभी नहीं बात करा सकता, उसने खुद को लोहिया अस्पताल का कर्मचारी बताया. सुबह चार बजे मैंने विवेक के कजिन को बुलाया और उन्हें साथ लेकर मैं अस्पताल गई. लेकिन जब अस्तपाल में हम गए तो वहां कोई कुछ बताने को राजी नहीं, वो लोग हमें इधर-उधर घुमा रहे थे. 15-20 मिनट चक्कर काटने के बाद मुझे कमरे से बाहर कर दिया गया और विवेक के कजिन को अंदर रोका गया. अंदर से जब कजिन (शरद) निकले तो उन्होंने कहा कि भाभी आप घर जाएं, मुझे गोमती नगर थाने जाना है.
डॉक्टर ने बोला झूठ, नहीं दिखाई गई बॉडी
कल्पना ने बताया कि मैंने जब अस्तपाल के डॉक्टर से पूछा तो उन्होंने बताया कि मैडम बहुत बुरा एक्सीडेंट हुआ था, काफी खून बह चुका था और हमारी कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका. मुझे डॉक्टर की बात पर भरोसा नहीं हुआ और मैंने कहा कि आप शिनाख्त करा दीजिए. मुझे बॉडी नहीं दिखाई गई और गोमती नगर थाने जाने के लिए कहा गया.
संदिग्ध हालत में थे विवेक-सना: पुलिस
कल्पना ने बताया कि जब मैं विवेक के सहकर्मियों के साथ थाने गई तो पुलिस ने बताया कि आपके पति और सना को संदिग्ध हालत में देखा गया, पुलिसवालों को देखते ही उन्होंने गाड़ी भगानी शुरू कर दी, पीछा करने पर गाड़ी पोल से टकरा गई और एक्सीडेंट हो गया. कल्पना ने कहा कि मुझे पुलिस की बात पर बिल्कुल भरोसा नहीं था.
19 साल पुराना है विवेक से रिश्ता, उन पर लगाया लांछन
विवेक की पत्नी ने बताया कि मैं लंबे वक्त से सना को जनती हूं, पति को तो जानती ही हूं, हमारा 19 साल पुराना रिश्ता था. इसके बाद कल्पना ने पुलिस से कहा कि मेरे पति अच्छी कंपनी में जॉब करते थे और अच्छे इंसान थे, आप ऐसे आरोप उनपर न लगाइये. कल्पना ने कहा कि फिर मैंने पुलिस से घटनास्थल दिखाने के लिए कहा क्योंकि उनका मानना था कि विवेक कभी भी रफ ड्राइविंग नहीं करते. साथ ही कल्पना ने सना से मिलाने के लिए भी कहा.
कल्पना ने बताया कि जब मैं सना के पास गई तो वो सिर्फ रो रही थी और उसने मुझे कुछ भी नहीं बताया. घटनास्थल पर जाने के बाद मुझे गाड़ी के भीतर ड्राइविंग सीट के पास गोली का निशान दिखा, पुलिस ने मुझे बाइक दिखाते हुए कहा कि तीन बार विवेक ने बाइक पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की थी.
मैंने विवेक की बॉडी तक नहीं देखी
कल्पना ने कहा कि पुलिस जो बता रही थी ऐसा कुछ नहीं था. वर्दी के नशे में चूर एक कॉस्टेबल ने मेरे पति की हत्या कर दी थी. मेरे पढ़े-लिखे और मासूम पति को चुटकियों में मसल कर रख दिया. इसके बाद में लोहिया अस्पताल पहुंची, जहां बॉडी देखने की मेरी हिम्मत तक हुई. मेरे भाई ने बताया कि विवेक को कहीं चोट तक नहीं लगी है उन्हें गोली मारी गई है.
योगी जी बैठकों में व्यस्त, मिलने का वक्त नहीं
कल्पना ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ हुआ कि चिन पर होते हुए गोली सिर में जा ढंसी. एक आदमी की हत्या नहीं हुई तीन लोगों की हत्या हुई है. कल्पना ने बताया कि विवेक के बड़े भाई के परिवार से लेकर सास की जिम्मेदारी भी उन्हीं पर थी. हमारी रीढ़ की हड्डी टूट गई है, योगीजी के शासन में उनके सरकारी आदमी ने मेरे पति की निर्मम हत्या कर दी है वो आएं और मेरी बात सुनें. लेकिन योगीजी को मेरे से मिलने का वक्त नहीं है, वो बैठकों में व्यस्त हैं.
बच्ची बोल रही- पापा दिल्ली गए हैं, आइसक्रीम लेकर आएंगे
कल्पना ने बताया कि छोटी बच्चों को समझ ही नहीं आया कुछ, वो कह रही है कि पापा दिल्ली गए हैं और आइसक्रीम लेकर आएंगे. मेरी बड़ी बच्ची 7वीं में पढ़ती है, उसे पता चल गया है. कल्पना कहती है कि अगर पुलिस ने सना और विवेक को संदिग्ध हालत में भी देखा फिर भी उन्हें गोली मारने का अधिकार नहीं है. क्योंकि तब तो ये मेरा, सना और विवेक का निजी मामला होता.
हत्यारा है कांस्टेबल प्रशांत
हत्या के आरोपी पुलिसकर्मी के दलीलों पर बोलते हुए कल्पना ने कहा कि वो कैमरे में खुद को निर्दोष बता रहा है जबकि उसने मेरे पति की निर्मम हत्या की है. उनकी पत्नी अपने पति का बचाव कर रही हैं और केस करने की बात कर रही हैं लेकिन मेरी नजर में प्रशांत हत्या है और उसकी पत्नी एक हत्यारे की बीबी है.