एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके ने अगले साल तमिलनाडु में होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रचार अभियान की रुपरेखा बनाने के लिए रणनीतिकार प्रशांत किशोर से हाथ मिलाया है.
विधानसभा चुनाव की जीत हासिल करने के लिए द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की संस्था इंडियन पोलिटिकल एक्शन कमेटी (I-PAC) की सहायता लेगी.
लगभग एक दशक तक विपक्ष में रही DMK, AIADMK से सत्ता छीनने की यथासंभव कोशिश कर रही है. पार्टी ने कहा कि I-PAC के कई युवा पेशेवर उसके साथ काम करने को तैयार हैं.
DMK अध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने ट्विटर पर लिखा, 'यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि तमिलनाडु के कई प्रतिभाशाली और युवा पेशेवर I-PAC के बैनर तले 2021 के चुनाव में हमारे साथ आ रहे हैं और तमिलनाडु को उसका पुराना गौरव वापस दिलाने की योजना में सहायता करेंगे.'
Happy to share that many bright & like-minded young professionals of Tamil Nadu are joining us under the banner of @IndianPAC to work with us on our 2021 election and help shape our plans to restore TN to its former glory!
— M.K.Stalin (@mkstalin) February 2, 2020
इसके जवाब में I-PAC ने ट्वीट किया, 'इस अवसर के लिए एम. के. स्टालिन का धन्यवाद. I-PAC की तमिलनाडु टीम DMK के साथ काम करने के लिए उत्साहित है. I-PAC की टीम 2021 का चुनाव जीतने में सहायता करेगी और आपके नेतृत्व में राज्य को एक बार फिर विकास के पथ पर ले जाने में योगदान देगी.'
Thanks Thiru @mkstalin for the opportunity. The @IndianPAC Tamil Nadu team is excited to work with DMK to help secure an emphatic victory in 2021 elections and contribute in putting the state back on the path of progress and prosperity under your able leadership. https://t.co/PXmRLWMrQz
— I-PAC (@IndianPAC) February 2, 2020
हाल ही में प्रशांत किशोर को जनता दल (यू) ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. बता दें कि प्रशांत नागरिकता संशोधित कानून समेत मोदी सरकार के अन्य फैसलों को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री तथा जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार से पिछले कुछ दिनों से मतभेद सामने आ रहे थे.
जदयू ने पार्टी उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर को बाहर का रास्ता दिखाते हुए उन पर कुमार के खिलाफ ‘अपमानजनक’ शब्दों के इस्तेमाल का तथा पार्टी अनुशासन का पालन नहीं करने एवं जदयू अध्यक्ष द्वारा उन्हें दिये गये सम्मान का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था.
किशोर के निष्कासन की घोषणा करते हुए जदयू के मुख्य महासचिव के.सी त्यागी ने कहा कि पिछले कुछ समय में इनके आचरण ने साफ कर दिया है कि वे पार्टी के अनुशासन का पालन नहीं करना चाहते और इसके फैसलों तथा कार्यशैली के विरुद्ध काम करते आ रहे हैं. किशोर अकसर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) तथा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ बोलते रहे हैं.