जेनरल काउंसिल ने एम करुणानिधि को लगातार 11वीं बार डीएमके का अध्यक्ष चुन लिया है. पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान करुणानिधि ने संकेत दिया था कि यह उनका अंतिम चुनावी अभियान हो सकता है. लेकिन इस चुनाव का मतलब है कि अब उन्होंने अगले पांच साल तक के लिए पार्टी की बागडोर अपने हाथों में संभाल ली है.
द्रमुक अध्यक्ष सीएन अन्नादुरई की मौत के बाद करुणानिधि पहली बार 27 जुलाई 1969 में अध्यक्ष बनाए गए थे. 1949 में पार्टी की स्थापना के बाद से पहली बार इस पद का गठन किया गया था.
के अन्बझगण और करुणानिधि के बेटा एम स्टालिन भी क्रमश: महासचिव और कोषाध्यक्ष के पद के लिए फिर से चुने गये हैं. पार्टी कोष प्रबंधन की देखरेख के लिए चार लेखा परीक्षा समिति के सदस्यों को चुना गया है.
चुनाव से कुछ दिन पहले, स्टालिन ने उन खबरो का खंडन किया था जिसमें मीडिया के एक वर्ग ने कहा गया था कि उन्हें महासचिव के पद पर चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी गई है और उन्होंने कोषाध्यक्ष के पद से हटने की पेशकश की है.
भाषा से इनपुट