होली के मौके पर मध्य प्रदेश में सियासी संकट सामने आया. ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफा देने के बाद 22 कांग्रेस विधायकों ने पार्टी छोड़ दी. अब राज्य में बहुमत के आंकड़े को लेकर खींचतान चल रही है. भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने सभी विधायकों को भोपाल से अलग हरियाणा के मानेसर में एक रिजॉर्ट में रखा है. जानकारी के मुताबिक, जिस रिजॉर्ट में भाजपा के 107 विधायक रुके हैं, वहां की निगरानी हरियाणा CID के जिम्मे दी गई है.
मंगलवार दोपहर को अचानक मध्य प्रदेश में राजनीतिक हलचल बढ़ी तो राजनीतिक पार्टियां अपना खेमा बचाने में जुट गईं. इसी दौरान मध्य प्रदेश भाजपा के बड़े नेता एक्टिव हुए और सभी 106 विधायकों को विमान के जरिए दिल्ली लाया गया. दिल्ली के बाद उन्हें सीधा गुरुग्राम के पास मानेसर ले जाया गया, जहां विधायक रिजॉर्ट में हैं.
कांग्रेस ने भी शिफ्ट किए विधायक
सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ही नहीं बल्कि कांग्रेस ने भी सियासी संकट को देखते हुए अपने विधायकों को सुरक्षित किया है. बुधवार को कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को जयपुर भेज दिया. राजस्थान में कांग्रेस की ही सरकार है, ऐसे में उसे भरोसा है कि वह यहां विधायकों को सुरक्षित रख पाएगी. जयपुर में एक रिजॉर्ट बुक किया है, जहां पर 42 कमरे कांग्रेस विधायकों के लिए रखे गए हैं.
संकट में हैं कमलनाथ सरकार
ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ गई है. मध्य प्रदेश में इस वक्त विधानसभा में कुल संख्या 206 है और बहुमत के लिए 104 का आंकड़ा चाहिए. लेकिन कांग्रेस गठबंधन के पास अब सिर्फ 99 का आंकड़ा है.
कमलनाथ का डर या कुछ और? बीजेपी विधायकों को भोपाल से किया गया शिफ्ट
भारतीय जनता पार्टी के पास अपने 107 विधायक हैं, जिसके दम पर वह विधानसभा में बहुमत साबित करने का दावा कर रही है. हालांकि, कांग्रेस की ओर से भी लगातार कहा जा रहा है कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है.