मध्य प्रदेश में जेल प्रशासन की असफलता का एक मामला सामने आया है. नीमच जिला जेल से चार कैदी रविवार सुबह भागने में कामयाब हो गए. कैदियों के फरार होने के बाद पुलिस प्रशासन सकते में है और कैदियों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चला रही है. इस बीच, पुलिस ने फरार कैदियों पर 50-50 हजार का इनाम भी घोषित कर दिया है.
पुलिस फरार कैदियों की तलाश के लिए मध्य प्रदेश के चप्पे पर नजर बनाए हुए है ताकि जल्द से जल्द फरार कैदियों को गिरफ्तारी हो सके.
Madhya Pradesh: Four prisoners have fled from a jail in Neemuch district. More details awaited pic.twitter.com/7FZwT6dwuv
— ANI (@ANI) June 23, 2019
फरार कैदियों पर 50-50 हजार का इनाम
‘आजतक’ से बातचीत में मध्य प्रदेश पुलिस के डीजी जेल संजय चौधरी ने बताया कि जेल कैदियों के फरार होने के इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है. जेल मामलों से जुड़े सभी बड़े अधिकारी नीमच पहुंच रहे हैं. डीजी जेल संजय चौधरी के मुताबिक, चारों फरार कैदियों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया जा चुका है और जल्द ही इन कैदियों की गिरफ्तारी होगी.
रस्सी के सहारे जेल से फरार हुए चारों कैदी
जेल से कैसे भागे कैदी इस पर डीजी जेल सुनील चौधरी ने बताया कि फरार कैदियों में से एक स्थानीय कैदी था और माना जा रहा है कि उसी के साथियों ने घटना को अंजाम देने में उसकी मदद की है क्योंकि जिस रस्सी से कैदी फरार हुए हैं वो जेल के बाहर से अंदर की ओर फेंकी गई थी और बाहर एक जगह से रस्सी को मजबूती से बांध दिया गया था.
फरार कैदियों की तलाश में जुटी पुलिस
डीजी जेल संजय चौधरी के मुताबिक पुलिस की कई टीमें फरार कैदियों की तलाश में जुट गई हैं और नजदीकी राज्यों जैसे महाराष्ट्र और राजस्थान की पुलिस से लगातार संपर्क बनाया गया हुआ है. डीजी जेल के मुताबिक शाम तक स्थानीय जेल प्रशासन से इस घटना की एक प्रारंभिक रिपोर्ट मांगी गई है.
नीमच जिला जेल में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहते हैं. इसके चप्पे पर पुलिस तैनात है. ऐसे में चार कैदियों का जेल से फरार होना जेल की सुरक्षा-व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है. पुलिस प्रशासन दल बल के साथ फरार कैदियों की तलाशी के लिए अभियान चला रहा है. पुलिस फरार कैदियों की तलाश के लिए मध्य प्रदेश के चप्पे पर नजर बनाए हुए है शीघ्र ही फरार कैदियों की गिरफ्तारी होगी.
कैदियों के फरार होने पर BJP का हमला
नीमच जेल से कैदियों के फरार होने पर राजनीति भी शुरु हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले को गंभीर बताते हुए कहा, 'मध्य प्रदेश में अराजकता का दौर जारी है. एक तरफ पुलिस परिवार के बेटे को पुलिस ने पीट-पीटकर मार दिया. निर्दोषों की पीट-पीटकर हत्या हो रही है. और नीमच में जेल तोड़कर नशा बेचने के अपराधी बलात्कार के अपराधी जेल से भाग रहे हैं.’
सीएम शिवराज का कहना, ‘यह जेल ब्रेक की घटना इसलिए गंभीर है क्योंकि सत्ता पक्ष के लोग जिनमें विधायक शामिल हैं जेल में दुर्दांत कैदियों को सुविधाएं देने की बात करते हैं. राजनीतिक दबाव के कारण सुरक्षा व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो रही है और अपराधी जेल से फरार हो रहे हैं. यह चिंताजनक है. वैसे ही अपराधी खुलकर खेल रहे हैं पकड़े नहीं जा रहे और अगर पकड़े जा रहे हैं तो भाग रहे हैं और सरकार सो रही है'.
वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा, ‘मध्य प्रदेश में कानून व्यवस्था की हालत आज यह है कि देश में लोग यह मानते हैं कि मध्य प्रदेश में कुछ भी हो सकता है. सरकार बनने के बाद से ही हम लगातार बोल रहे हैं कि मध्य प्रदेश में कानून की धज्जियां उड़ गई है. सरकार को इससे कोई लेना-देना नहीं वह केवल और केवल तबादलों के साथ-साथ अपने मंत्रियों और विधायकों के निजी हितों को साधने में जुटे हुए हैं.’
उन्होंने कहा है कि इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति क्या होगी? मध्य प्रदेश की कानून व्यवस्था की कि चार कैदी जेल तोड़कर भागे और उनमें से तीन नशे के कारोबारी हैं. मध्य प्रदेश में सीएम का थोड़ा स्वास्थ्य खराब होता है तो पूरी की पूरी कांग्रेस उसी चिंता में लग जाती है और अगर किसी शासकीय अस्पताल में उनका इलाज हुआ है तो केवल उसको एक प्रेरणादायक काम बताने में जुट जाती है. उनको इस बात की चिंता नहीं होती कि मध्य प्रदेश में करने लायक अनेकों काम है जनता जिस की प्रतीक्षा कर रही है. ना तो किसानों का कर्जा माफ हुआ है ना ही कानून-व्यवस्था दुरुस्त हुई है निरंतर खराब होती चली जा रही है.