मध्य प्रदेश के दमोह में पुलिस का बेरहम चेहरा नजर आया. 2 नाबालिग लड़कों पर पुलिसवालों ने पहले तो लूटपाट का आरोप लगाया, फिर उन्हें ज़ंजीरों से बांधकर पीटा. नाबालिग लड़कों की इतनी बेरहमी से पिटाई की गई कि एक लड़के को अस्पताल ले जाना पड़ा.
मामूली इल्जाम की बर्बर सजा
खाकी वर्दी वालों ने न रपट लिखी, न मुकदमा ही दर्ज किया. दमोह की पुलिस ने 2 नाबालिग लड़कों को मामूली लूटपाट के इल्जाम में पकड़ा और अपनी बूटों से कानून को रौंद डाला. पुलिस ने दोनों लड़कों को घंटों बेड़ियों में जकड़े रखा और उनके साथ जानवरों से भी बदतर सुलूक किया. खाकी वर्दीवाले बारी-बारी से लड़कों पर जुल्म ढाते रहे. जगह-जगह जख्म देते रहे. अंतत: वही हुआ, जिसका अंदेशा था. बर्बरता लड़कों की बर्दाश्त से बाहर हो गई और इन्हें आनन-फानन में अस्पताल ले जाना पड़ा.
पुलिस भुला बैठी अपना कर्तव्य
दमोह में हुई इस बर्बरता को देखकर किसी का भी कलेजा कांप जाएगा, लेकिन पुलिस यह भूल चुकी थी कि वह जिन पर जुल्म ढा रहे हैं, वे नाबालिग हैं. पुलिस यह भी भूल चुकी थी कि बच्चों को हिरासत में लेने के बाद उनके खिलाफ मामला भी दर्ज होना चाहिए.
आजतक की खबर का हुआ असर
नाबालिग लड़कों पर पुलिसवालों की बेरहमी का मामला धीरे-धीरे गरमाता जा रहा है. आजतक पर खबर दिखाए जाने के बाद बेरहम पुलिस वालों पर गाज गिरी है. पुलिस के आला अधिकारियों ने दोनों पुलिस कांस्टेबल को निलंबित कर दिया है. पुलिस की बेरहमी का शिकार एक नाबालिग लड़का अभी तक अस्पताल मे भर्ती है.