मद्रास हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस वीके ताहिलरमानी के तबादले के विरोध में वकील आज प्रदर्शन कर रहे हैं. वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम से तबादले पर पुनर्विचार करने की मांग की है. मदुरै बेंच के वकीलों के दो संगठनों ने यह विरोध प्रदर्शन किया और कोर्ट की कार्यवाही का बहिष्कार किया.
इन वकीलों का कहना है कि चीफ जस्टिस ताहिलरमानी का ट्रांसफर मेघालय हाई कोर्ट में ट्रांसफर किए जाने के कारण साफ नहीं किया गया है.
मद्रास हाई कोर्ट बड़े हाई कोर्ट में से एक है, जबकि मेघालय हाई कोर्ट छोटे हाई कोर्ट में से एक है. इतने बड़े हाई कोर्ट से इतने छोटे हाई कोर्ट में ताहिलरमानी के ट्रांसफर किए जाने से मद्रास हाई कोर्ट के वकील बेहद नाराज हैं. वहीं, ताहिलरमानी ने अपना तबादला किए जाने के चलते इस्तीफा देने की पेशकश की है.
ताहिलरमानी के ट्रांसफर के खिलाफ वकील मद्रास हाई कोर्ट के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके बाद 10 सितंबर को मद्रास हाई कोर्ट की कार्यवाही का बहिष्कार करेंगे. साथ ही ताहिलरमानी के ट्रांसफर की निंदा करेंगे.
बता दें कि 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने मद्रास हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस ताहिलरमानी का ट्रांसफर मेघालय हाई कोर्ट करने का फैसला किया था. इसके बाद इस सिफारिश को 3 सितंबर को सार्वजनिक किया गया था. इसके बाद जब सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने अपने फैसले पर दोबारा से विचार करने से इनकार कर दिया, तो वीके ताहिलरमानी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपना इस्तीफा भेज दिया. साथ ही अपने इस्तीफे की एक प्रति सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को भी भेज दी.
ताहिलरमानी उन महिला न्यायमूर्ति में से एक हैं, जो हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस हैं. ताहिलरमानी मद्रास हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस हैं, जो देश की सबसे पुरानी हाई कोर्ट में से एक है. मद्रास हाई कोर्ट देश का चौथा सबसे बड़ा हाई कोर्ट है. मद्रास हाई कोर्ट में न्यायमूर्तियों की संख्या 75 है. मेघायल हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस समेत कुल तीन न्यायमूर्ति हैं.