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राजीव गांधी हत्याकांड की दोषी को मद्रास HC ने पिता का श्राद्ध करने के लिए दी परोल

राजीव गांधी हत्याकांड की दोषी नलिनी को मंगलवार को मद्रास हाई कोर्ट से परोल मिल गई है. कोर्ट ने पिता के श्राद्ध में शामिल होने के लिए सिर्फ एक दिन की परोल दी है, जबकि नलिनी ने तीन दिनों की परोल देने की गुहार लगाई थी.

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नलिनी को मिली एक दिन की परोल
नलिनी को मिली एक दिन की परोल

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भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन मद्रास हाई कोर्ट से एक दिन की परोल मिल गई है. पिता के श्राद्ध में शामिल होने के लिए हाईकोर्ट ने उसे मंगलवार शाम 4 बजे से बुधवार शाम 4 बजे तक के लिए परोल दे दी है.

मांगी थी 3 दिन की परोल
नलिनी ने अपने पिता के श्राद्ध कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मद्रास हाई कोर्ट से रविवार को तीन दिनों की परोल देने का अनुरोध किया था. नलिनी के पिता शंकरनारायणन का पिछले महीने निधन हो गया था और मौत के 16वें दिन होने वाला कार्यक्रम 9 मार्च यानि बुधवार को है.

अंतिम संस्कार के लिए भी मिली थी परोल
नलिनी ने अपनी याचिका में कहा कि उसने 2 मार्च को वेल्लोर में विशेष महिला जेल के अधीक्षक को ज्ञापन दिया था लेकिन अधिकारी ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है. नलिनी फिलहाल उसी जेल में बंद है. नलिनी ने कहा कि पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए उसे 24 फरवरी को 12 घंटे का पैरोल मिली थी. नलिनी ने कहा कि 16वें दिन का कार्यक्रम 9 मार्च को है और उसे तीन दिनों का अवकाश दिया जाए ताकि वह इस कार्यक्रम में शामिल हो सके.

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जयललिता ने दिया था रिहाई का सुझाव
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने राजीव गांधी के हत्यारों को छोड़ने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा था. पत्र में कहा गया था कि इन हत्यारों ने 24 साल से ज्यादा सजा काट ली है. मानवीय आधार पर इन तथ्यों को देखते हुए उन सबको अब रिहा कर देना चाहिए. हालांकि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा था कि सरकार पत्र पर गौर कर रही है लेकिन सुप्रीम कोर्ट का आदेश सर्वोपरि है.

SC ने लगाई थी जयललिता सरकार के आदेश पर रोक
तमिलनाडु सरकार ने इन चारों दोषियों को रिहा करने का आदेश सुना दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार के फैसले पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में अंतिम फैसला केंद्र सरकार लेगी. अदालत ने कहा कि इस बारे में फैसला लेने का अधि‍कार राज्य सरकार को नहीं है.

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