मैगी विवाद पर मचे घमासान के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को नेस्ले की याचिका पर सुनवाई पर करते हुए मैगी के निर्यात को मंजूरी दे दी है. गौरतलब है कि मैगी में मानक से ज्यादा सीसा और एमएसजी पाए जाने के बाद मैगी पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इसके बाद नेस्ले ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर निर्यात की मंजूरी मांगी थी.
एफएसएसएआई और सरकार ने कोर्ट में कहा कि अगर नेस्ले चाहे तो मैगी के पैकेट्स का निर्यात कर सकती है. अगर आपका प्रोडक्ट अच्छा है तो आप दूसरे देशों में निर्यात कर सकते है इस पर कोई पाबंदी नहीं है.
कोर्ट ने कहा कि एफएसएसएआई जब चाहे तब नेस्ले के प्लांट या रिटेल स्टोर पर सरप्राइज चेक कर सकती है. इस मामले पर अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी. मैगी पर बैन जारी रहेगा.
नेस्ले का कहना है कि मैगी को नष्ट करने के लिए उसे और मशीनों की दरकार है. इसके लिए वह एसीसी सीमेंट के साथ बातचीत कर रही है ताकि मैगी को नष्ट किया जा सके. कंपनी का कहना है कि बाजार में अब भी 7000 करोड़ पैकेट पड़े हुए हैं.
मैगी बनाने वाली कंपनी का कहना है कि 11 हजार मैगी के पैकेट को वापस लिया गया है, जबकि 17 हजार पैकेट जला दिए गए हैं.