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दिल्ली में 15 दिनों के लिए बैन हुई 'मैगी', बाजार से हटाया जाएगा पुराना स्टॉक, सेना ने भी लगाई रोक

मैगी नूडल्स में खतरनाक तत्व पाए जाने को दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया है. दिल्ली में 15 दिनों के लिए मैगी बैन कर दी गई है. यह बैन तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है.

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कई राज्यों में मैगी के सैंपल की जांच
कई राज्यों में मैगी के सैंपल की जांच

मैगी नूडल्स में खतरनाक तत्व पाए जाने के मुद्दे को दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया है. दिल्ली में 15 दिनों के लिए मैगी बैन कर दी गई है. यह बैन तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है.

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मैगी बनाने वाली कंपनी 'नेस्ले' के अधिकारियों से बैठक के बाद बुधवार को प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया. स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि इन 15 दिनों में बाजार में मौजूद मैगी के पूरे स्टॉक को हटाया जाएगा. इस दौरान मैगी की बिक्री बैन रहेगी. मैगी में लेड का इस्तेमाल 2.5 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए. लेकिन दिल्ली से लिए गए सैंपलों में औसत 3.8 फीसदी लेड पाया गया है.

सत्येंद्र जैन ने कहा कि AAP सरकार नए सिरे से खाद्य नीति पर विचार कर रही है और खाने-पीने की चीजों में मिलावट बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी. फूड सेफ्टी विभाग ने दिल्ली के केंद्रीय भंडारों में मैगी पर रोक लगा दी है. बिग बाजार ने भी मैगी पर बैन लगा दिया है. भारतीय सेना ने भी एडवाइजरी जारी करके सैन्यकर्मियों को मैगी न खाने को कहा है. आर्मी ने अपनी कैंटीनों को भी अगले निर्देशों तक मैगी नूडल न बेचने को कहा है. इसके अलावा ओडिशा, हिमाचल, बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश की सरकारों ने भी मैगी के नमूनों की जांच के आदेश दिए हैं.

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केरल में पास हुई मैगी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सभी राज्यों को इस मुद्दे पर एडवाइजरी जारी करते हुए उनसे मैगी की जांच कराने को कहा है. उन्होंने कहा कि बुधवार रात या गुरुवार को इस पर बैठक हो सकती है. उन्होंने कहा कि मामले पर प्रामाणिक जानकारी सामने आने के बाद ही रिपोर्ट के आधार पर एक्शन लिया जाएगा. हमने राज्यों से जल्दी से जल्दी रिपोर्ट भेजने को कहा है.

केरल में कोच्चि की एक लैब में मैगी में लेड (सीसे) की मात्रा स्वीकार्य सीमा में पाई गई है. खाद्य सुरक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. हालांकि, केरल सरकार ने एक दिन पहले से ही अस्थायी तौर अपने खुदरा आउटलेट्स पर मैगी की बिक्री बंद कर दी. खाद्य सुरक्षा संयुक्त आयुक्त डी अशरफउद्दीन ने बताया कि कोच्चि की प्रयोगशाला में मैगी नूडल्स की तीन किस्मों के नमूनों की जांच की गई थी. इससे पता चलता है कि इनमें सीसे की मात्रा इजाजत योग्य सीमा में है.

तेलंगाना-आंध्र में भी जांच के आदेश
तेलंगाना और आंध्रप्रदेश की सरकार ने भी मैगी के नमूनों की जांच का आदेश दिया है. दोनों राज्यों की सरकारों ने मैगी में मोनोसोडियम ग्लूटामेट और लेड की तय सीमा से अधिक मात्रा में मौजूदगी की रपटों के मद्देनजर बुधवार को मैगी के नमूनों की जांच के आदेश दिए. हैदाराबाद के इंस्टीट्यूट ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसिन (आईपीए) ने तेलंगाना के कई जिलों से मैगी के 22 नमूने लिए हैं. इन नमूनों की जांच शहर के बाहरी इलाके नाचाराम की एक लैब में की जा रही है.

 

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अब तक नहीं आई केंद्र की जांच रिपोर्ट
मामले पर कई राज्य सरकारें सक्रिय हो गई हैं, पर केंद्र सरकार अभी कुछ पीछे ही दिखाई दे रही है. पटना में जब केंद्रीय उपभोक्ता और खाद्य मामलों के मंत्री रामविलास पासवान से दिल्ली के फैसले पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि मैगी पर (केंद्र की) रिपोर्ट अब तक नहीं आई है और वह दिल्ली पहुंचकर इसकी जांच करेंगे.

उन्होंने कहा कि अगर रिपोर्ट में मैगी में मिलावट की बात सामने आती है तो कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ब्रांड एंबेसडरों की भूमिका पर उन्होंने कहा कि जांच नतीजों के बाद ही इस पर कोई फैसला किया जाएगा. पासवान ने लोगों से व्यक्तिगत रूप से अपील की कि वे जंक फूड खाते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें.

वाराणसी में गुरुवार को होगी सुनवाई
दिलचस्प बात यह है कि मैगी को गोवा और महाराष्ट्र में क्लीन चिट मिल गई है. यहां जांचों में मैगी के सैंपल सुरक्षा मानकों पर सही पाए गए हैं. हरियाणा सरकार ने अपने तमाम सीएमओ को आदेश दिया है कि वो अपने इलाके से सैंपल लेकर जांच करवाएं. पश्विम बंगाल और कर्नाटक सरकार ने भी जांच की कार्रवाई शुरू कर दी है.

वाराणसी के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के पास नेस्ले के चीफ प्रोडक्शन मैनेजर ,सीईओ और चीफ सेल्स मैनेजर सहित अभिनेत्री माधुरी दीक्षित प्रीति जिंटा और अभिनेता अमिताभ बच्चन के खिलाफ परिवाद दाखिल किया गया है. वकील मनोज कुमार की ओर से दाखिल किए गए परिवाद पर गुरुवार को सुनवाई होगी.

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जैन ने बुलाई थी बैठक
गौरतलब है कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बुधवार को इस मसले पर मीटिंग बुलाई थी. जैन ने 12.30 बजे नेस्ले के अधिकारियों से बैठक की. मंगलवार तक ऐसा समझा जा रहा था कि दिल्ली सरकार मैगी पर केस करने की तैयारी में है. दिल्ली में मैगी के 13 में से 10 सैंपल लैब टेस्ट में फेल हो चुके हैं. मैगी मसालों में तय सीमा से ज्यादा लेड और हानिकारक तत्व एमएसजी पाया गया है.

नहीं मिला कोई नोटिस: अमिताभ
मैगी बनाने वालों के साथ टीवी के पर्दे पर बेचने वालों के लिए भी मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. मैगी के ब्रांड एंबेसडर रहे अमिताभ बच्चन, प्रीति जिंटा और माधुरी दीक्षित को मुजफ्फरपुर की एक अदालत से नोटिस मिलने की खबर आई थी. लेकिन अमिताभ ने बुधवार को नोटिस मिलने की बात से इनकार किया. उन्होंने कहा कि वह दो साल पहले मैगी का विज्ञापन करना छोड़ चुके हैं. फिर भी कानून के मुताबिक जो मदद हो सकेगी, करेंगे. उधर, केरल में मैगी बैन होने की खबर से नेस्ले ने इनकार किया है. कंपनी का कहना है कि कुछ खबरों में बताया जा रहा है कि मैगी को केरल में बैन किया गया है, जबकि ऐसी बात नहीं है.

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मैगी पर क्यों बरपा हंगामा...
दरअसल, उत्तर प्रदेश में यह पाया गया कि मैगी में कुछ केमिकल अपने तय मानक से कई गुना ज्यादा हैं, जो न सिर्फ सेहत के लिए खतरनाक हैं, बल्कि किसी की  जान भी ले सकते हैं. इसके बाद कई राज्यों में मैगी पर बैन लग गया. कई जगहों पर इसकी जांच चल रही है. राजस्थान के नागौर में सैंपल फेल होने के चलते मैगी के 1200 पैकेट नष्ट कर दिए गए.

विज्ञापन करने वालों पर भी शिकंजा
बॉलीवुड के बिग बी अमिताभ बच्चन हों या 'धक-धक गर्ल' माधुरी दीक्षित, मैगी के प्रचार में वे कहते थे कि बस दो मिनट में स्वाद का खजाना आपके सामने हैं. लेकिन जब उस मैगी को लेबोरेटरी टेस्ट में तय मानक पर खरा नहीं माना गया, तो अदालत ने बॉलीवुड के बड़े सितारों पर भी एफआईआर दर्ज करने के आदेश दे दिए.

मैगी का विवाद बढ़ा, तो अमिताभ बच्चन ने भी सफाई दी और माधुरी दीक्षित ने भी. अमिताभ बच्चन ने कहा कि वे किसी भी प्रोडक्ट का प्रचार करने से पहले उसकी क्वालिटी चेक कराते हैं, जबकि माधुरी दीक्षित का कहना है कि ताजा मामले में उन्होंने मैगी बनाने वाली नेस्ले कंपनी से बात की.

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