प्रयाग में पौष पूर्णिमा के दिन महाकुम्भ के दूसरे शाही स्नान के अवसर पर बड़ी संख्या में नागा, साधु-संत और देश-विदेश से आए श्रद्घालु गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के पवित्र संगम में डुबकी लगाई.
पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ ही रविवार से संगम तट पर कल्पवास की शुरुआत हो रही है. संगम के सभी 18 घाट 'हर-हर गंगे' और 'जय गंगा मैया' के नारों से गुंजायमान हैं. तड़के तीन बजे से श्रद्घालुओं के घाटों पर पहुंचने और स्नान करने का सिलसिला जारी है.
इलाहाबाद मंडल के मण्डलायुक्त देवेश चतुर्वेदी ने संवाददाताओं को बताया कि दोपहर एक बजे तक करीब 45 लाख श्रद्घालु स्नान कर चुके हैं. शाम तक 70 लाख से अधिक श्रद्घालुओं के डुबकी लगाने की सम्भावना है. ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक करीब सत्तर साल बाद पौष पूर्णिमा पर रवि-पुष्य नक्षत्र का दुर्लभ योग बना है.
पौष पूर्णिमा के शाही स्नान के साथ कल्पवास की शुरुआत हो गई है. अगले एक महीने तक देश-विदेश के श्रद्घालु संगम तट पर कल्पवास कर के जप-तप करेंगे. दूसरे शाही स्नान पर संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं.
महाकुम्भ मेले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आऱ क़े एस़ राठौर ने संवाददाताओं को बताया कि चप्पे-चप्पे पर तैनात करीब तीस हजार सुरक्षाकर्मी हर आने जाने वाले पर कड़ी नजर रखे हुए हैं. आयोजन स्थल पर पुलिस बलों को सादी वर्दी में भी तैनात किया गया है. राठौर ने बताया कि सभी घाटों पर जल पुलिस के जवान लगाए गए हैं, ताकि स्नान के वक्त कोई श्रद्घालु न डूबे.
मकर संक्रांति के दिन पहले शाही स्नान के अवसर पर करीब एक करोड़ श्रद्घालुओं ने संगम में डुबकी लगाई थी. 14 जनवरी को शुरू हुए 55 दिवसीय महाकुम्भ मेले का समापन दस फरवरी को होगा.