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मोदी को कैसे चुनौती देगा विपक्ष, बनने से पहले ही बिखरा महागठबंधन?

क्या आगामी लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के खिलाफ महागठबंधन बनाने की विपक्षी दलों की कोशिश महज एक कल्पना बनकर रह जाएगी या फिर इसको मूर्त रूप दिया जा सकेगा? यह सवाल इसलिए क्योंकि जहां एक ओर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने महागठबंधन से अलग चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, तो दूसरी ओर राज्यसभा के उपसभापति चुनाव में विपक्षी दलों का बिखराव देखने को मिला है.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

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आगामी लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मात देने के लिए महागठबंधन बनाने की कोशिश को करारा झटका लगा है. यह महागठबंधन बनने से पहले ही बिखर गया है. जहां एक ओर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने महागठबंधन से अलग चुनाव लड़ने का ऐलान किया, तो दूसरी ओर राज्यसभा के उपसभापति चुनाव में विपक्षी दलों का बिखराव साफ देखने को मिला.

कई विपक्षी दल महागठबंधन में शामिल होकर साल 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं. आम आदमी पार्टी के अलावा एआईएडीएमके, टीआरएस और बीजेडी जैसे दल भी कांग्रेस के साथ आते नहीं दिख रहे हैं. एआईएडीएमके, टीआरएस और बीजेडी ने राज्यसभा उपसभापति चुनाव में एनडीए के हरिवंश नारायण सिंह के पक्ष में वोट करके यह साबित भी कर दिया है.

इतना ही नहीं, आम आदमी पार्टी, वाईएसआर कांग्रेस, पीडीपी ने राज्यसभा उपसभापति चुनाव की वोटिंग से खुद को अलग रखा. इन दलों के सदन के वॉक आउट करने से साफ संकेत है कि वे विपक्ष में रहते हुए भी कांग्रेस के साथ नहीं है. मालूम हो कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी को हराने के लिए सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश पिछले कुछ समय से चल रही है.

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कर्नाटक चुनाव के बाद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में सभी विपक्षी पार्टियां एक मंच पर आई थीं. यह पहली बार था, जब मोदी सरकार के खिलाफ सभी विपक्षी दल एकजुट नजर आए थे. कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल भी शामिल हुए थे.

इसके बाद जब आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दिल्ली के जंतर मंतर में मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया, तब भी ज्यादातर विपक्षी पार्टियां एक साथ नजर आए. इसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, केजरीवाल, सीताराम येचुरी समेत तमाम विपक्षी नेता शामिल रहे. हालांकि राहुल गांधी और केजरीवाल ने एक साथ मंच साझा नहीं किया था.

इन घटनाओं के बाद से माना जा रहा था कि आगामी चुनाव में सभी राजनीतिक पार्टियां मिलकर पीएम मोदी और बीजेपी के सामने कड़ी चुनौती पेश करेंगे, लेकिन अब यह महागठबंधन बनने से पहले ही बिखर गया है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐलान कर दिया है कि वे साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में किसी भी तरीके के गठबंधन का हिस्सा नहीं होंगे. गुरुवार को केजरीवाल ने हरियाणा के जींद जिले में कहा कि आम आदमी पार्टी हरियाणा में विधानसभा चुनाव के साथ ही लोकसभा चुनाव की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

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