महाराष्ट्र के कोल्हापुर में महालक्ष्मी मंदिर के अंदर हुए हमले में घायल हुईं भूमाता ब्रिगेड की मुखिया तृप्ति देसाई अस्पताल से डिस्चार्ज हो गई हैं. बुधवार को महालक्ष्मी मंदिर में प्रवेश करने के बाद उनको पीटा गया था. जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया.
जरूर पढ़ें: इन 7 बातों से जानें, कौन हैं तृप्ति देसाई?तृप्ति देसाई बुधवार शाम को 50 महिलाओं के साथ कोल्हापुर में महालक्ष्मी मंदिर दर्शन करने पहुंची थीं, लेकिन यहां की पुलिस ने कानून व्यवस्था के मद्देनजर इन्हें रोक लिया गया. उसी दौरान समर्थकों ने जोरदार नारे बाजी शुरू की जिसके बाद तृप्ति समेत सबको हिरासत में ले लिया गया.
गर्भगृह में तृप्ति पर हुआ हमला
शाम को तृप्ति देसाई को पुलिस की निगरानी में मंदिर के गर्भगृह में दर्शन के लिए लाया गया. तभी मंदिर मे जाते समय हिंदुत्ववादी कार्यकर्ता और स्थानीय लोगों ने तृप्ति के साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर उन पर हमला करने की कोशिश भी की. पुलिस ने तृप्ति को मंदिर गर्भगृह के पास लाई. लेकिन वहां पर पुजारी और अन्य महिलाओं ने उसे गर्भगृह में जाने की इजाजत नहीं दी.
The attackers said "dont let Trupti Desai get out alive". Doctor said I could've got paralysis attack: Trupti Desai pic.twitter.com/Omys23eM85
— ANI (@ANI_news) April 14, 2016
गंभीर चोटों के चलते अस्पताल पहुंची तृप्ति
तृप्ति और मंदिर में मौजूद लोगों के बीच आधा घंटे तक झड़प हुई. तभी पुलिस ने पुजारी महिलाओं को जबरन हटाकर तृप्ति को गर्भगृह में प्रवेश करवा दिया. गर्भगृह मे प्रवेश होने के बाद पुलिस कि कड़ी निगरानी मे होते हुए भी तृप्ति को लोगों ने बुरी तरह से पीटा और उसपर हल्दी, कुमकुम और मिर्च पाउडर भी फेंका. इस झड़प में तृप्ति घायल हुईं. लोगों का गुस्सा देखकर पुलिस ने तृप्ति को तुरंत मंदिर से बाहर निकाला. वहां से पुलिस तृप्ति को सीधे शहर के निजी अस्पताल ले गई. डॉक्टर के मुताबिक तृप्ति देसाई के शरीर पर चोट के निशान हैं.
पुजारियों ने प्रशासन और पुलिस की निंदा की
महालक्ष्मी मंदिर के पुजारियों का कहना है कि तृप्ति देसाई को गर्भगृह में प्रवेश करने देने का कोर्ट की तरफ से कोई ऑर्डर नहीं है. कोर्ट ने ऐसा कोई भी आदेश जारी नहीं किया है, उसके बावजूद पुलिस ने तृप्ति देसाई को गर्भगृह मे प्रवेश करवाया. यहां मौजूद महिलाओं और हम पुजारियों के साथ धक्का मुक्की की गई. उन्होंने कहा कि वह इसके लिए प्रशासन और पुलिस की निंदा करते हैं.