फिर से शुरू हो गया है दुनिया का सबसे बड़ा महाप्रयोग. दुनियाभर के वैज्ञानिक इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. लेकिन, इसकी शुरुआत में थोड़ी अड़चनें भी आई हैं. महाप्रयोग में कणों की टक्कर की तीन-तीन कोशिशें नाकाम हो गई हैं. वजह ये बताई जा रही है कि एलएचसी टनल के क्रायोजेनिक सेक्शन में कुछ गड़बड़ियां आ गई हैं. वैज्ञानिक इन दिक्कतों को दूर करने में लगे हैं. अब कणों की टक्कर करवाने की चौथी कोशिश की जाएगी.
पूरी तैयारियां हो चुकी हैं और करीब एक घंटे के अंदर वैज्ञानिक फिर से महाप्रयोग की कोशिश करेंगे. महाप्रयोग को सफल बनाने में दुनिया के सौ देशों के 10 हजार वैज्ञानिक औऱ इंजीनियर लगे हैं और ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि ब्रह्मांड कैसे बना था, बिग बैंग के वक्त क्या हालात रहे होंगे. दुनिया कैसे बनी होगी.
बड़ा सवाल है कि आखिर इस महाप्रयोग में होगा क्या? बताया जा रहा है कि महाप्रयोग के दौरान प्रकाश की चाल से प्रोटॉन्स की टक्कर कराई जाएगी. फिर पता लगाने की कोशिश होगी कि आखिर दुनिया बनी कैसे. बिग बैंग और ब्रह्मांड की अनसुलझी गुत्थियां भी सुलझेंगी. महामशीन में महाप्रयोग के दौरान पैदा होने वाले कणों की पहचान के लिए बनाया गया है कॉम्पैक्ट म्युऑन सोलोनाइड यानी सीएमएस. सीएमएस में भारतीय वैज्ञानिकों ने कई मैग्नेट लगाएं हैं.