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फडणवीस बोले- कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना 6 महीने से ज्यादा सरकार नहीं चला सकतीं

कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना महाराष्ट्र में सरकार बनाने की ओर कदम बढ़ा रही हैं. तीनों पार्टियों के एकसाथ आने पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को कहा कि हमें नहीं लगता कि ऐसी सरकार बनेगी और अगर ऐसा होता तो वे 6 महीने से ज्यादा सरकार नहीं चला पाएंगे.

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पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (तस्वीर- PTI)
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (तस्वीर- PTI)

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कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना महाराष्ट्र में सरकार बनाने की ओर कदम बढ़ा रही हैं. तीनों पार्टियों के एकसाथ आने पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को कहा कि हमें नहीं लगता कि ऐसी सरकार बनेगी और अगर ऐसा होता तो वे 6 महीने से ज्यादा सरकार नहीं चला पाएंगे.

पूर्व सीएम ने कहा कि बीजेपी सरकार के अलावा और कोई विकल्प नहीं है. पूर्व मुख्यमंत्री ने ये बातें बीजेपी विधायकों के साथ हुई बैठक में कही.

बता दें कि महाराष्ट्र में लागू राष्ट्रपति शासन के बीच कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना की ओर से सरकार बनाने की कोशिश जारी है. गुरुवार को तीनों ही पार्टियों के नेताओं ने बैठक की.

इसके बाद पहली बार एकसाथ तीनों ही पार्टियों के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया कि उनका न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार है.

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बता दें कि बीते रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने स्वीकार किया था कि उसके चुनाव पूर्व गठबंधन को जनादेश मिलने के बावजूद वह महाराष्ट्र में सरकार बनाने में असमर्थ है.

भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा कि पार्टी कोर कमेटी की सुबह से व्यस्त बैठकों के बाद शाम को राज्यपाल बी. एस. कोश्यारी को पार्टी के रुख से अवगत करा दिया गया है.

पाटील ने कहा, 'शिवसेना ने जनादेश का अपमान किया है..अगर शिवसेना, कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सहयोग से सरकार बनाने की स्थिति में है तो हम उन्हें अपनी शुभकामनाएं देते हैं.'

भाजपा द्वारा सरकार बनाने में असमर्थता जताने के बाद राज्यपाल कोश्यारी ने शिवसेना को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया. लेकिन शिवसेना ने बहुमत जुटाने के लिए निर्धारित समय से ज्यादा समय की मांग की. राज्यपाल ने शिवसेना की मांग को दरकिनार करते हुए तीसरी सबसे बड़ी पार्टी एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता दिया.

हालांकि, महाराष्ट्र की राजनीति में मची उठा-पटक के बीच एनसीपी भी बहुमत नहीं जुटा पाई. जिसके बाद राज्यपाल ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा कर दी और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया.

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