मराठी फिल्मों को लेकर गुरुवार को जारी ताजा फरमान के मुताबिक, प्राइम टाइम को बदलकर दोपहर बारह बजे से शाम 9 बजे तक कर दिया गया है, वहीं यह भी छूट दी गई है कि मल्टीप्लेक्स अपनी सुविधा से फिल्म के जॉनर का चुनाव कर सकता है. मराठी फिल्म निर्माताओं ने गुरुवार को राज्य के संस्कृति मंत्री विनोद तावड़े से मुलाकात की. बैठक के बाद कहा गया कि निर्माताओं, मल्टीप्लेक्स मालिकों और एग्जीबिटर्स से मुलाकात के बाद ही निर्णय किया गया है.
गौरतलब है कि मंगलवार को राज्य सरकार के फरमान जारी करने के बाद से ही इस ओर विवाद शुरू हो गया था. इस बाबत मशहूर लेखिका शोभा डे को विशेषाधिकार हनन का नोटिस भी जारी किया गया, वहीं अब राज्य सरकार ने अपने फरमान में बदलाव कर दिया है. पुराने आदेश में कहा गया था कि मुंबई के मल्टीप्लेक्स प्राइम टाइम शो में सिर्फ मराठी फिल्मों की स्क्रीनिंग करेंगे. लंबे समय से मल्टीप्लेक्स के मालिकों को शिवसेना और एमएनएस पार्टी की ओर से मराठी फिल्मों की स्क्रीनिंग और उन्हें कम दामों पर दिखाने की चेतावनी दी जा रही थी.
लाइसेंस होगा रद्द
इससे पहले एमएनएस की ओर से सोमवार को पीवीआर सिनेमा और दूसरे मल्टीप्लेक्स के मैनेजमेंट को पत्र लिखकर हर हफ्ते प्राइम टाइम में मराठी सिनेमा दिखाने का चेतावनी दी थी. संगठन के अध्यक्ष अमेय खोपकर ने चेतावनी दी कि अगर ऐसा न हुआ तो एमएनएस उनसे अपने स्टाइल में निपटेगा. इसके मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार ने सभी मल्टीप्लेक्स में प्राइम टाइम पर मराठी फिल्मों की स्क्रीनिंग के आदेश दिए. यह नियम शहर के सभी 27 मल्टीप्लेक्स पर लागू किया गया है और जारी निर्देशानुसार अगर कोई मल्टीप्लेक्स ऐसा नहीं करता है तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा.