महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के बीच पार्टियों की ओर से सरकार बनाने की कोशिश जारी है. कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी जल्द से जल्द राज्य में सरकार बनाना चाहती हैं और इसके लिए लगातार तीनों ही पार्टियों में बातचीत चल रही है. तीनों दलों के न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) को अंतिम रूप दिए जाने के बाद सूत्रों ने कहा कि शिवसेना और कांग्रेस चाहती हैं कि जल्द से जल्द निर्णय लिया जाए क्योंकि उनके विधायक खतरे में हैं. सूत्रों के मुताबिक, विधायकों से संपर्क किया जा रहा है और इसलिए पार्टियां अपने विधायकों को लेकर असुरक्षित हैं.
वहीं तीनों दलों ने साफ किया है कि सरकार केवल और केवल सीएमपी पर चलेगी न कि विचारधाराओं पर.कांग्रेस सूत्रों ने कहा है कि शिवसेना की हिंदुत्व विचारधारा से पार्टी को कोई दिक्कत नहीं है.
घोषणापत्र पर आधारित है सीएमपी
सूत्रों के मुताबिक, सीएमपी तीनों दलों शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के घोषणापत्र पर आधारित है. एनसीपी और कांग्रेस के घोषणापत्र में जो भी बातें हैं उसे शिवसेना स्वीकार करेगी. कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि तीनों दल सरकार बनाने को लेकर बहुत गंभीर हैं और चाहते हैं कि यह जल्द से जल्द हो. कांग्रेस और शिवसेना अपने विधायकों के लिए बहुत चिंतित हैं. पार्टी छोड़ने के लिए उनसे संपर्क किया जा रहा है. दिलचस्प बात यह है कि एनसीपी चीफ शरद पवार को पूरा भरोसा है कि उनकी पार्टी का कोई भी विधायक उन्हें नहीं छोड़ेगा.
सोनिया को जानकारी देंगे अहमद पटेल
महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर सोनिया गांधी और अहमद पटेल के बीच बैठक होने वाली है. पटेल सोनिया गांधी को सीएमपी के बारे में बताएंगे. सोनिया गांधी को सरकार बनाने को लेकर जारी प्रयासों की भी जानकारी दी जाएगी. इसके बाद ही सोनिया गांधी एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात करेंगी. पवार से मुलाकात से पहले सोनिया गांधी हर पहलू पर पूरी जानकारी लेना चाहती हैं.