महाराष्ट्र में जारी सियासी ड्रामे के बीच मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे के साथ ही कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है. वहीं विधायकों को शपथ दिलाने के लिए प्रोटेम स्पीकर के नाम की भी चर्चा चल रही है.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक कालिदास कोलंबकर प्रोटेम स्पीकर बन गए हैं. उन्हें भगत सिंह कोश्यारी ने शपथ दिलाई. प्रोटेम स्पीकर ही सभी विधायकों को शपथ दिलाएंगे. सदन के वरिष्ठतम सदस्य को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है. सबसे अधिक बार चुनकर आए विधायक को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है, जिसे राज्यपाल मनोनित करते हैं.
कालिदास कोलंबकर प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ लेने के लिए राजभवन पहुंच गए हैं.
BJP MLA Kalidas Kolambkar to be Protem Speaker, he will take oath shortly in Raj Bhawan. Kolambkar says 'Oath of MLAs to be administered tomorrow when the session begins.' #Maharashtra (file pic) pic.twitter.com/IGjvgI8NAI
— ANI (@ANI) November 26, 2019
कौन हैं कालिदास कोलंबकर?
कालिदास कोलंबकर पूर्व शिवसेना विधायक रहे हैं, जिन्होंने कांग्रेस में शामिल होने के लिए नारायण राणे के साथ पार्टी का दामन छोड़ दिया था. इसके बाद विधानसभा चुनाव में वो वडाला निर्वाचन क्षेत्र से चुनकर आए. हालांकि, हाल ही में उन्होंने कांग्रेस पार्टी से भी त्यागपत्र दे दिया था और भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे.
प्रोटेम स्पीकर क्या होता है?
प्रोटेम स्पीकर में प्रोटेम (Pro-tem) शब्द लैटिन भाषा के शब्द प्रो टैम्पोर (Pro Tempore) का संक्षिप्त रूप है. इस शब्द का अर्थ होता है- 'कुछ समय के लिए.' विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति राज्यपाल करता है और इसकी नियुक्ति तब तक के लिए होती है जब तक विधानसभा अपना स्थायी विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) नहीं चुन लेती.
यह प्रोटेम स्पीकर विधायकों को शपथ दिलवाता है. विधायकों के शपथ ग्रहण की पूरी प्रक्रिया प्रोटेम स्पीकर की देखरेख में ही होती है. विधायकों के शपथ ग्रहण करने के बाद सदन के सदस्य विधानसभा स्पीकर का चुनाव करते हैं.
बुधवार अहम दिन
कल यानी बुधवार को महाराष्ट्र विधानसभा में कई अहम काम होने हैं. प्रोटेम स्पीकर का चुनाव हो चुका है, ऐसे में अब प्रोटेम स्पीकर को राज्यपाल शपथ दिलाएंगे. इसके बाद प्रोटेम स्पीकर नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएंगे और फिर फ्लोर टेस्ट के लिए सदन में वोटिंग कराई जाएगी. वोटिंग के बाद प्रोटेम स्पीकर परिणामों का ऐलान करेंगे.