केंद्रीय कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी के बाद अब महाराष्ट्र सरकार के कृषि मंत्री एकनाथ खडसे ने भी पौधों और खेती के लिए मूत्र के इस्तेमाल पर जोर दिया है. खडसे ने कहा कि राज्य सरकार खेती की उत्पादकता बढ़ाने के लिए खास उर्वरक बनाने का प्रयास कर रही है.
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक खड़से ने कहा, 'इंसानों के मूत्र को खेती में इस्तेमाल करने से उत्पादकता बढ़ेगी. इसके लिए मल्टीप्लेक्स और सिनेमा घरों के मूत्रालयों से इसे कलेक्ट करने की भी प्लानिंग चल रही है .' इसके पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने बयान में कहा था कि वह अपने गार्डन के पेड़ों को बेहतर बनाने के लिए उनमें अपना मूत्र डालते हैं. वह इसके लिए अपना मूत्र 50 लीटर की एक कैन में जमा करते हैं.
किसानों को दी जाएगी सब्सिडी!
खडसे ने कहा कि इंसानी मूत्र खेती को ज्यादा उत्पादक बनाता है. खासकर ग्रामीण इलाकों में इसका बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि मुंबई के सिनेमा घरों से मूत्र एकत्रित कर उसे ग्रामीण इलाकों में भेजा जाएगा, जिसका इस्तेमाल खेतों में होगा.
राज्य सरकार ने इस योजना के प्रति किसानों को लुभाने के लिए नई पॉलिसी भी शुरू की है. जो किसान इस योजना के आधार पर खेती करेंगे उन्हें सरकार 35 फीसदी सब्सिडी देने पर विचार कर रही है. इस पैसे से किसान मूत्र के अलावा गाय के गोबर और गौमूत्र को इकट्ठा करेंगे और खाद बनाएंगे. खडसे ने कहा कि गडकरी के बयान में कुछ भी गलत नहीं था. महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ अपनी स्टडी में इस बात को साबित कर चुका है.