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NCP नेता नवाब मलिक बोले- अमित शाह की जिद के कारण शुरू हो रहा है NPR

नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि एक कंपनी को ठेका देकर 8000 करोड़ बर्बाद करने के लिए कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है. करीब 95 फीसदी लोगों के पास आधार है. आधार से ही जनगणना करनी चाहिए.

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एनसीपी नेता नवाब मलिक की फाइल फोटो (ANI)
एनसीपी नेता नवाब मलिक की फाइल फोटो (ANI)

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  • मलिक बोले-कंपनी को फायदा देने के लिए NPR
  • 95% लोगों के पास आधार, इसी से हो जनगणना

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता नवाब मलिक ने कहा कि हमें लगता है अमित शाह की जिद के कारण राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) शुरू हो रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि एक कंपनी को ठेका देकर 8000 करोड़ रुपये बर्बाद करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है. करीब 95 फीसदी लोगों के पास आधार है. आधार से ही जनगणना करनी चाहिए. जिनके पास आधार नहीं है, उनका आधार बनाना चाहिए.

केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को मंजूरी दे दी गई. एनपीआर के संबंध में लोगों को अपनी पहचान बताने के लिए किसी प्रकार के दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं होगी. प्रस्ताव के अनुसार, एनपीआर की यह प्रक्रिया सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अप्रैल 2020 से सितंबर 2020 तक पूरी कर ली जाएगी. एनपीआर देश के नागरिकों का एक रजिस्टर है.

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यह नागरिकता अधिनियम 1955 और 2003 के नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियमों के प्रावधानों के तहत स्थानीय (गांव/उप-कस्बे), उप-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जा रहा है.

ओवैसी का हमला

दूसरी ओर, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने तो इस मसले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को गृह मंत्रालय की रिपोर्ट पढ़ने तक की सलाह दे दी. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) में संबंध है. अमित शाह कह रहे हैं कि दोनों में कोई संबंध नहीं है. पहले उन्हें अपने मंत्रालय की रिपोर्ट पढ़ लेनी चाहिए.'

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