महाराष्ट्र में नई सरकार के विवाद की लड़ाई भले ही सुप्रीम कोर्ट में चल रही हो, लेकिन फडणवीस सरकार ने अपना कामकाज शुरू कर दिया है. दो दिन चले सियासी घमासान के बाद रविवार रात महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की.
महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच पहली बैठक है.दोनों नेताओं की यह मुलाकात करीब एक घंटे तक चली. महाराष्ट्र में नई सरकार बनने के बाद दोनों नेताओं की यह बैठक सीएम देवेंद्र फडणवीस के आवास पर हुई.
आज भी होगी किसानों के मुद्दे पर चर्चा
इसके बाद महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा गया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रविवार रात मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं ने बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों को अतिरिक्त मदद देने को लेकर चर्चा की. अब सोमवार को किसानों के मुद्दे पर आगे की चर्चा मुख्य सचिव और वित्त सचिव के साथ की जाएगी.
CM @Dev_Fadnavis and DCM @AjitPawarSpeaks today met and discussed on various measures for additional support & assistance to unseasonal rain affected farmers. Tomorrow it will be further discussed with the Chief Secretary & Finance Secretary.
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) November 24, 2019
इससे पहले उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शपथ ग्रहण करने के कई घंटे बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, नितिन गडकरी, स्मृति ईरानी समेत अन्य नेताओं के बधाई संदेशों का जवाब दिया. उन्होंने पीएम मोदी, अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी समेत अन्य नेताओं का शुक्रिया अदा किया.
स्थायी सरकार सुनिश्चित करेंगे
इस दौरान अजित पवार ने पीएम मोदी को आश्वस्त किया कि हम महाराष्ट्र में स्थायी सरकार सुनिश्चित करेंगे, जो महाराष्ट्र के लोगों के कल्याण के लिए कठिन परिश्रम करेगी. अजित पवार ने अपने ट्विटर का प्रोफाइल भी बदल दिया और महाराष्ट्र का उपमुख्यमंत्री लिख दिया. इससे पहले एनसीपी की ओर से अजित पवार को मनाने के लिए कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली.
अजित पवार अपने फैसले पर अड़े रहे
अजित पवार को मनाने की एक कोशिश जयंत पाटिल ने भी की. वो शरद पवार का संदेश लेकर अजित पवार को मनाने उनके घर पहुंचे. दोनों में काफी बातचीत हुई, लेकिन फिर भी बात नहीं बनी. अजित पवार अपने फैसले पर अड़े रहे. उन्होंने साफ कहा कि वो अपने फैसले को बदलने वाले नहीं हैं. उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी के साथ सरकार बनाने में ही एनसीपी का हित है.