महाराष्ट्र में अजित पवार के साथ मिलकर सरकार बनाने वाले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने अब विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पास करना बड़ी चुनौती है. लिहाजा महाराष्ट्र में सियासी खींचतान के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने ‘ऑपरेशन लोटस’ शुरू कर दिया है.
महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पास करने के लिए बीजेपी ने विधायकों को जुटाने के काम में जुट गई है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले बहुमत के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए चार नेताओं की एक टीम भी बना दी है, जिसे शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के विधायकों से संपर्क करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
बीजेपी ने नारायण राणे, राधाकृष्ण विखे पाटिल, गणेश नाइक और बबनराव पचपुते को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के लिए बहुमत जुटाने की जिम्मेदारी दी गई है. ये चारों नेता पहले शिवसेना या एनसीपी या फिर कांग्रेस में रह चुके हैं. राज्यसभा सांसद राणे बीजेपी में शामिल होने के पहले लंबे समय तक शिवसेना और कांग्रेस में लंबे समय तक रहे हैं.
दोनों ही दलों में राणे की अच्छी पैठ मानी जाती है. स्वयं राणे भी यह कह चुके हैं कि शिवसेना में उद्धव और कांग्रेस में अशोक चव्हाण को छोड़कर सभी मेरे दोस्त हैं. 1999 में शिवसेना की सरकार के मुख्यमंत्री भी रह चुके राणे की उद्धव से कभी नहीं पटी. 2005 में शिवसेना से निष्कासित होने के बाद राणे कांग्रेस में गए और वहां से निकलने के बाद महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष बनाया.
फडणवीस का कर्ज उतार पाएंगे राणे?
नारायण राणे बीजेपी में वापसी की कोशिश में थे. करीबी की वजह से बीजेपी भी उन्हें लेने को तैयार थी, लेकिन गठबंधन सहयोगी शिवसेना के कारण राणे का इंतजार लंबा होता चला गया. विधानसभा चुनाव के दौरान देवेंद्र फडणवीस के प्रयास से वह बीजेपी में शामिल हुए. अब देखना यह होगा कि क्या राणे के फडणवीस का कर्ज उतार पाएंगे या नहीं.
राणे ने किया था सरकार बनाने का दावा
कुछ दिन पहले ही नारायण राणे ने बीजेपी की सरकार बनने का दावा किया था. राणे ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने के बाद बीजेपी की सरकार बनाने के लिए पूरी कोशिश करने का बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि सरकार बनाने के लिए जो भी करना होगा, वह करेंगे. साम, दाम, दंड, भेद शिवसेना ने ही सिखाया है.
विधायकों को अप्रोच किए जाने का आरोप
गौरतलब है कि विधायकों की खरीद- फरोख्त के डर से शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस, तीनों दलों ने अपने विधायकों को होटल में रखा है. कांग्रेस विधायकों को जयपुर भेजे जाने की भी चर्चा थी. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने विधायकों को अपने पाले में करने के लिए बीजेपी की ओर से कांग्रेस विधायकों को अप्रोच किए जाने का आरोप भी लगाया है.
एनसीपी ने भी होटल रेनेसां में सादे कपड़ों में एक पुलिसकर्मी के पकड़े जाने के बाद अपने विधायकों को हयात होटल शिफ्ट करने का निर्णय लिया है. बता दें कि कर्नाटक में सत्ताधारी कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन के कई विधायक बागी हो गए थे. सभी बागी विधायक मुंबई आकर एक होटल में रुके थे.