महाराष्ट्र चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन पर टूट की तलवार लटक रही है. अब 'अल्टीमेटम-अल्टीमेटम' का खेल भी खत्म हो गया, लेकिन दोनों पार्टियों का अड़ियल रुख बना हुआ है. हालांकि कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा है कि उनकी पार्टी यह नहीं चाहती है कि महाराष्ट्र में सेकुलर वोट बंटने की नौबत आए.
अशोक चव्हाण ने रविवार को कहा कि दोनों पार्टियों के नेतृत्व के बीच बातचीत चल रही है. उन्होंने कहा, 'मैं चाहता हूं कि सीटों का बंटवारा बराबर-बराबर हो. आज या कल तक कोई ठोस फैसला होने की उम्मीद है.'
वैसे अब सबकी नजर सोमवार को होने वाली एनसीपी कोर कमेटी की बैठक पर है, जिसमें शरद पवार भी शामिल हो रहे हैं.
एनसीपी ने शनिवार को एक दिन का अल्टीमेटम दिया था. लेकिन मियाद खत्म होने तक एनसीपी के पास कोई जवाब नहीं आया. अलबत्ता मीडिया के जरिए कांग्रेस ने शनिवार रात ही धमकी का जवाब धमकी से दिया था. कांग्रेस आलाकमान से गुफ्तगू के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष माणिक राव ने कहा कि एनसीपी को 125 सीटों पर ही संतोष करना पड़ेगा, वर्ना अकेले चुनाव लड़ने का रास्ता खुला है.
दरअसल, लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में एनसीपी को कांग्रेस से ज्यादा सीटें मिली हैं, जिस वजह से एनसीपी अब पुराने फॉर्मूले को नकार रही है. एनसीपी के मुताबिक 2004 के चुनाव में उसके खाते में 124 सीटें आई थीं, लेकिन 2009 के चुनाव में उसे सिर्फ 114 सीटें ही मिलीं. लेकिन नए चुनावी समीकरण में उसे ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए.
बहरहाल, सोमवार को एनसीपी कोर कमेटी की बैठक है, जिसमें पार्टी सुप्रीमो शरद पवार भी हिस्सा लेंगे. सबकी नजर इसी पर है कि क्या एनसीपी कांग्रेस के प्रस्ताव को मानती है या फिर दोनों अलग रास्ता अख्तियार करते हैं.