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महाराष्ट्र में सूखा, लेकिन नेता हैं कि मानते नहीं

सूखे की मार झेल रहे महाराष्ट्र में नेताओं को जनता से कितनी हमदर्दी है इसका नमूना एक बार फिर देखने को मिला. इस बार मामला महाराष्ट्र के बुलढ़ाना का है जहां कांग्रेस के एक विधायक ने म्यूजिकल नाइट में जमकर नोट उड़ाए.

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सूखे की मार झेल रहे महाराष्ट्र में नेताओं को जनता से कितनी हमदर्दी है इसका नमूना एक बार फिर देखने को मिला. इस बार मामला महाराष्ट्र के बुलढ़ाना का है जहां कांग्रेस के एक विधायक ने म्यूजिकल नाइट में जमकर नोट उड़ाए.

अजित पवार का शर्मनाक बयानः 'नदी में पानी नहीं है तो क्या पेशाब करें'

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महाराष्ट्र के कई हिस्सों की तरह चिखली में भी सूखा पड़ा है, लेकिन चिखली से कांग्रेस विधायक राहुल बोंद्रे को इसकी जरा भी परवाह नहीं. विधायक ने न सिर्फ कव्वाली कार्यक्रम का जमकर लुत्फ उठाया बल्कि अपने समर्थकों के साथ कलाकारों पर जमकर नोटों की बारिश की.

कांग्रेसी विधायक की इस हरकत पर विपक्ष ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है. महाराष्ट्र का एक बड़ा हिस्सा भयंकर सूखे की चपेट में है, लेकिन नेताओं के घर हजारों लीटर पानी खर्च किया जा रहा है.

आरटीआई के तहत मिली जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार में कई मंत्री ऐसे हैं जिनके यहां पिछले साल भर में हजारों लीटर पानी का इस्तेमाल हुआ है. इस लिस्ट में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वी राज चव्हाण समेत कई मंत्रियों के नाम हैं.

उधर विधानसभा में अजीत पवार के बयान पर मंगलवार को भी खूब हंगामा हुआ. उप मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर विपक्ष ने दूसरे दिन भी कामकाज नहीं होने दिया. वहीं बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए सोलापुर के उजनी बांध को 24 घंटे के भीतर पानी छोडऩे को कहा है.

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हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि बांध के बीच में आनेवाले गांवों की बिजली काटी जाए ताकि पंप चलाकर पानी की चोरी ना हो सके. उधर हाईकोर्ट ने सोलापुर के मोहोल तालुका में बन रही चीनी मिल के निर्माण कार्य पर भी रोक लगा दी है. कोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान ये फैसला सुनाया.

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