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विरोध में वोटिंग के बाद भी शिवसेना फडनवीस सरकार में शामिल होने को लेकर असमंजस में

महाराष्ट्र विधानसभा में विश्वास मत के दौरान फडनवीस सरकार के खिलाफ वोटिंग करने के बावजूद शिवसेना अब भी असमंजस में है. शिवसेना अब भी तय नहीं कर पाई है कि उसे राज्य की बीजेपी सरकार में शामिल होना चाहिए या नहीं और पार्टी का रुख साफ नहीं हुआ है.

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उद्धव ठाकरे की फाइल फोटो
उद्धव ठाकरे की फाइल फोटो

महाराष्ट्र विधानसभा में विश्वास मत के दौरान फडनवीस सरकार के खिलाफ वोटिंग करने के बावजूद शिवसेना अब भी असमंजस में है. शिवसेना अब भी तय नहीं कर पाई है कि उसे राज्य की बीजेपी सरकार में शामिल होना चाहिए या नहीं. पार्टी का रुख साफ नहीं हुआ है.

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बुधवार देर रात तक मुंबई के एक होटल में शिवसेना विधायकों के साथ पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की बैठक चलती रही. हालांकि बैठक के बाद उद्धव ने सवाल को टालते हुए यही जवाब दिया कि हां, बातचीत तो चल रही है. लेकिन किसके साथ पता नहीं. केंद्र सरकार को समर्थन पर शिवसेना नेता राम कदम ने कहा कि आखिरी फैसला उद्धव ठाकरे करेंगे.

इससे पहले बुधवार को राज्य की देवेंद्र फडनवीस सरकार ने बहुमत हासिल कर लिया. विधानसभा में बीजेपी का विश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत के साथ पारित हुआ. हालांकि इस पर शिवसेना और कांग्रेस ने सवाल उठाया है. दोंनों पार्टियों का कहना है कि स्पीकर को वोटिंग करवाना चाहिए था. पर ऐसा नहीं हुआ, यह नियमों की अनदेखी है.

कांग्रेस इस संबंध में राज्यपाल से मुलाकात करेगी और शिवसेना ने एनसीपी से चर्चा करने की बात कही. इससे पहले बीजेपी के हरिभाऊ बागड़े निर्विरोध महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर चुने गए.

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शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे विपक्ष के नेता चुने गए. हालांकि शिवसेना ने बुधवार सुबह ही साफ कर दिया था कि वह विश्वास मत में बीजेपी का समर्थन नहीं करेगी. पार्टी विपक्ष में बैठेगी. विश्वास मत पारित होने के बाद सदन के नेता प्रतिपक्ष का चुनाव किया गया. लेकिन शाम होते-होते शिवसेना एक बार फिर असमंजस में दिखी.

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