महाराष्ट्र में गठबंधन के मसले पर आखिरकार शिवसेना ने बीजेपी के आगे घुटने टेक दिए हैं. शिवसेना ने सरकार गठन के मुद्दे पर बीजेपी को समर्थन का ऐलान कर दिया है. पार्टी ने कहा है कि बीजेपी किसी को भी मुख्यमंत्री बनाए वह उसे समर्थन देगी. हालांकि पार्टी ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को अपनी पसंद बताया है.
पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में उद्धव ठाकरे ने लिखा है कि महाराष्ट्र की बेहतरी के लिए वह बीजेपी को समर्थन देने को तैयार है. उद्धव ने लिखा, 'जनता के आशीर्वाद का 'सोना' कर महाराष्ट्र का रथ आगे ले जाने वाला कोई भी होने दो, शिवसेना हिम्मत और हिकमत से उसका साथ देगी. गलत खबरों को फैलाकर शिवसेना को बदनाम करने की कोशिश इन दिनों जारी है. जो लोग ऐसा कर रहे हैं उनकी खुशी क्षणभंगुर साबित होगी.'
गौरतलब है कि दिल्ली में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'टी पार्टी' के बाद शिवसेना के तेवर नरम पड़े थे. केंद्र में शिवसेना कोटे के मंत्री अनंत गीते ने कहा था कि जनता ने दोनों दलों को साथ काम करने का जनादेश दिया है. उन्होंने कहा था कि वह केंद्र में मंत्री बने रहेंगे. इसके अगले ही दिन 'सामना' में उद्धव ने यह संपादकीय लिखा है.
बीजेपी को मिली सफलता से खुश शिवसेना!
सोमवार सुबह प्रकाशित 'सामना' में बीजेपी को लेकर शिवसेना के सुर बदले-बदले नजर आए. चुनाव से पहले बीजेपी को 'श्राद्ध के कौवे' बताने वाली पार्टी ने कहा कि बीजेपी को सफलता मिलने से उन्हें खुशी है. अखबार के संपादकीय में उद्धव ने लिखा, 'बीजेपी को अच्छी सफलता मिली इसका हमें आनंद है. कांग्रेस-राष्ट्रवादी के घोटालेबाजों को सत्ता मिलने के बजाय भाजपा को मिल रही है, यह राज्य के हित में है.'
'मोदी और शाह को जीत का श्रेय'
उद्धव ने बीजेपी की जीत का श्रेय प्रदेश बीजेपी के नेताओं को देने के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को दिया है. मुख्यमंत्री के मुद्दे पर उद्धव ने लिखा, 'मुख्यमंत्री पद को लेकर कई नाम सामने आ रहे हैं. लेकिन अंतिम फैसला नरेंद्र मोदी और अमित शाह ही करेंगे. महाराष्ट्र में बीजेपी की सीटें बढ़ीं तो इसका श्रेय मोदी और शाह को जाता है.'
'गडकरी के पास अनुभव'
उद्धव ने लिखा कि शिवसेना ने कभी हिंदुओं में भेद नहीं किया. लेकिन 'विशिष्ट समाज' के इलाकों में जिस तरह का मतदान हुआ वह चिंता के बजाय चिंतन का विषय है. उन्होंने लिखा, 'मुख्यमंत्री को लेकर गडकरी, फड़नवीस, जावड़ेकर, तावड़े, खड़से और पंकजा मुंडे का नाम चल रहा है. लेकिन गडकरी और फड़नवीस के बीच ही मुकाबला है. अनुभव और कार्यक्षमता पर विचार करने पर आज की तारीख में गडकरी इस गुणवत्ता की कसौटी पर अव्वल हैं. वह महाराष्ट्र को भली भांति जानते हैं और उनके पास विकास का विजन है. दूसरी तरफ फड़नवीस के पास प्रत्यक्ष रूप से मंत्री पद का अनुभव भी नहीं है.'