महाराष्ट्र सरकार ने राज्यपाल को 1993 के मुंबई धमाकों के आरोपी याकूब मेमन की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की है. सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के बाद 1993 के मुम्बई बम विस्फोट कांड के मुजरिम याकूब मेमन ने 30 जुलाई को अपनी फांसी की सजा की तामील पर रोक लगवाने के आखिर प्रयास के तहत महाराष्ट्र के राज्यपाल के समक्ष दया याचिका पेश की थी.
अदालत ने ठुकराई याचिका
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू की अगुवाई में तीन न्यायाधीशों की एक पीठ ने मेमन की सुधारात्मक याचिका खारिज कर दी थी. पीठ ने कहा कि उसने जो आधार दिया है वह वर्ष 2002 में शीर्ष अदालत द्वारा तय सिद्धांतों के दायरे में नहीं आता.
एकमात्र मुजरिम जिसकी याचिका खारिज हुई
मार्च, 1993 में मुम्बई में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों में 257 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे. याकूब मेमन एकमात्र ऐसा मुजरिम है जिनकी मौत की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने बनाए रखा. राष्ट्रपति ने मई, 2014 में उसकी क्षमा याचिका खारिज कर दी थी.