समाजसेवी अन्ना हजारे सोमवार 2 अक्टूबर को एक दिन के लिए सत्याग्रह करने देश की राजधानी दिल्ली पहुंचे. अन्ना हजारे ने महात्मा गाँधी की समाधि राजघाट पर पहुँचकर सत्याग्रह किया. इससे पहले उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पहुँच उनको श्रद्धांजलि दी और उसके बाद राजघाट के एक कोने पर में ध्यान लगा कर बैठ गए.
अन्ना हजारे के मुताबिक मोदी सरकार से लोगों को जो उम्मीदें थी उसमें कुछ खास अबतक हासिल नहीं हुआ है. अन्ना के मुताबिक बढ़ते हुए भ्रष्टाचार के अलावा लोकपाल और लोकायुक्त कानून पर अमल ना होने के कारण वो व्यथित होकर सत्याग्रह करने के लिए बापू की समाधि पर पहुंचे हैं.
अन्ना के मुताबिक मोदी सरकार के लगभग 3 साल पूरे होने जा रहे हैं लेकिन ना लोकपाल-लोकायुक्त नियुक्त किया गया हैं. ना नागरिक संहिता पर अमल हुआ हैं. ना विदेश का काला धन वापस आया हैं. ना नोटबंदी से देश में छुपाये कालेधन का जनता को हिसाब मिला हैं. ना ही किसानों की आत्महत्या रूकी हैं बल्कि बढ़ती जा रही है. स्वामी नाथन कमेटी रिपोर्ट पर कुछ कर नहीं रहे हैं. ना किसानों को उनके उपज को पैदावारी के आधार पर दाम मिला हैं.
अन्ना हजारे ने कहा कि 2011 से 2013 तक देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा जन आंदोलन हुआ. जन भावना को देखते हुए संसद में लोकपाल और लोकायुक्त कानून पारित करना पड़ा. देश की जनता भ्रष्टाचार के खिलाफ महात्मा गांधीजी के दिखाए हुए शांतिपूर्ण मार्ग से रास्ते पर उतर आयी थी.
गांधीवादी नेता ने कहा कि उस समय बीजेपी ने अपने चुनाव प्रचार दौरान जनता को भ्रष्टाचार मुक्त भारत और अच्छे दिन के सपने दिखाएं. भ्रष्टाचार से पीड़ित जनता ने आप की बड़ी बड़ी बातों पर भरोसा किया और आपकी सरकार सत्ता में आ गई. इस बात को तो आप भी मानते होंगे की, केवल भ्रष्टाचार को मिटाने और विकास के मुद्दे पर जनता ने आपकी सरकार चुनी हैं.
अन्ना ने कहा कि अब तीन सालों से अधिक समय बीत चुका हैं. लेकिन, देश में भ्रष्टाचार बिल्कुल कम नहीं हुआ हैं बल्कि बढ़ते जा रहा है. भ्रष्टाचार को रोकने के लिए मोदी सरकार ने बड़ी बड़ी बातों के सिवा कुछ भी नहीं किया है, इसलिए मन बहुत दुखी है.
आपको बता दें कि जनलोकपाल के लिए अन्ना हजारे जल्द ही फिर से दिल्ली में अनशन पर बैठ सकते हैं.