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बापू के दर पर नेतन्याहू, जानिए इजरायल देश बनाने के सवाल पर क्या कहा था गांधीजी ने

महात्मा गांधी ने लिखा है, 'फिलीस्तीन और अरब का ताल्लुक वैसा ही है, जैसा इंग्लैंड का इंग्लिश और फ्रांस का फ्रैंच से है. इसलिए यहूदियों को अरबियों पर थोपना गलत और अमानवीय है.

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फिलीस्तीन और इजरायल में आज भी विवाद
फिलीस्तीन और इजरायल में आज भी विवाद

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पहली बार भारत दौरे पर आए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू बुधवार को गुजरात के अहमदाबाद पहुंचे. यहां वो अपनी पत्नी सारा नेतन्याहू और पीएम नरेंद्र मोदी के साथ रोड शो करते हुए साबरमती आश्रम गए और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को स्मरण किया. इस दौरान नेतन्याहू ने महात्मा गांधी की तस्वीर पर सूत की माला चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. साथ ही उन्होंने गांधी जी का चरखा भी चलाया.

पीएम मोदी की मौजूदगी में नेतन्याहू की तरफ से ये गर्मजोशी दिखी. लेकिन अतीत में जाने पर इजरायल और यहूदियों के प्रति महात्मा गांधी के विचार थोड़ा अलग नजर आते हैं. फिलिस्तीन को लेकर यहूदी समाज महात्मा गांधी के निशाने पर रहा है. हालांकि, यहूदियों पर हुए अत्याचार और उत्पीड़न की भी महात्मा गांधी ने आलोचना की है.  

'हरिजन' में महात्मा गांधी का इस संबंध में लिखा गया लेख फिलीस्तीन के समर्थन में खड़ा नजर आता है. उन्होंने लिखा, 'अपने देश के लिए यहूदियों का विलाप मुझे ज्यादा प्रभावित नहीं करता है. क्योंकि फिलीस्तीन और अरब का ताल्लुक वैसा ही है, जैसा इंग्लैंड का इंग्लिश और फ्रांस का फ्रैंच से. इसलिए यहूदियों को अरबियों पर थोपना गलत और अमानवीय है.'

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महात्मा गांधी ने कहा है कि फिलिस्तीनी क्षेत्र में यहूदियों का दखल एक धार्मिक कृत्य के समान है जो ताकत का इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं देता है. उन्होंने लिखा, 'बाइबिल की अवधारणा वाला फिलिस्तीन भौगोलिक रूप से अलग है. वो उनके दिलों में है. इसलिए ब्रिटिश बंदूक के साथ वहां प्रवेश करना गलत है. एक धार्मिक कृत्य को हथियारों के आधार पर नहीं किया जा सकता.'

हालांकि, महात्मा गांधी ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान यहूदियों पर हुए जुल्म को भी गलत ठहराया है और वो उनके समर्थन में खड़े आए हैं. लेकिन फिलीस्तीन के मुद्दे पर महात्मा गांधी ने हमेशा इजरायल की आलोचना की है.

गांधी को बताया मानवता का दूत

वहीं बुधवार को जब बेंजामिन नेतन्याहू साबरमती आश्रम पहुंचे तो उन्होंने महात्मा गांधी को मानवता के महान दूतों में से एक बताया. आश्रम की विजिटर बुक में नेतन्याहू और उनकी पत्नी सारा ने चार पंक्तियों का संदेश लिखा. उस पर दोनों ने हस्ताक्षर किए हैं. संदेश में अतिथि दंपति ने लिखा कि 'उनका यह दौरा प्ररेणादायक रहा.'

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