जानेमाने पर्यावरणविद आरके पचौरी का कहना है कि जलवायु परिवर्तन का खतरा सामने आने से कई वर्ष पहले महात्मा गांधी ने पर्यावरण संरक्षण की बात की थी.
जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी समिति के प्रमुख पचौरी ने कहा कि महात्मा गांधी एक सच्चे पर्यावरणविद थे. वह एक मौलिक चिंतक थे जो पर्यावरण के दुरुपयोग और अतिदोहन के परिणामों को स्पष्ट तौर पर समझते थे.
गांधीजी के अहिंसा के सिद्धांत को याद करते हुए उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार नागरिक और सदस्य होने के नाते हमें ऐसे साधन खोजने होंगे जिससे हम इस हालात को सुधारने के लिए जिम्मेदारी को साझा कर सकें.