रेल घूसकांड में महेश कुमार के एक और फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक रेलवे बोर्ड मेंबर (स्टाफ) महेश कुमार ने रेलवे बोर्ड के चेय़रमैन का पद पाने के लिए चार महीने पहले जन्मतिथि में 2 महीने का फेरबदल किया था.
नियम के मुताबिक रेलवे बोर्ड के चेयरमैन बनने के लिए सर्विस 2 साल बची होनी जरूरी है जबकि महेश कुमार की उम्र दो महीने कम पड़ रही थी. इसी को दुरुस्त करने के लिए दस्तावेजों में महेश कुमार ने अपनी जन्म तिथि दो महीने आगे खिसका दी.
इससे पहले रेलवे में दस करोड़ रुपये के रिश्वत कांड में सीबीआई ने पकड़े गए फोन वार्ता को केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला भेज दिया है ताकि संदिग्धों के आवाज की पहचान हो सके. इस कांड में रेल मंत्री पवन बंसल को इस्तीफा देना पड़ा था.
सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने सीएफएसएल का विचार मांगा है ताकि पकड़े गए फोन कॉल में वार्तालाप में शामिल लोगों की पहचान की जा सके. सीबीआई ने दो महीने में एक हजार से ज्यादा फोन कॉल टैप किए थे.
सूत्रों ने कहा कि एजेंसी इन कॉल की मदद से पद के लिए धन घोटाले की जांच आगे बढ़ाना चाहती है. इस सिलसिले में बंसल के भांजे विजय सिंगला और रेलवे बोर्ड के निलंबित सदस्य महेश कुमार को गिरफ्तार किया गया है.