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2016: जानें आंतरिक और सीमा सुरक्षा के मोर्चे पर कैसा रहा साल

साल 2016 में भारत की आतंरिक सुरक्षा और सीमा सुरक्षा से जुड़ी तमाम बड़ी घटनाएं हुईं. आतंकी हमले हुए, सरहद पर माहौल गर्म रहा लेकिन पिछले साल की तुलना में नक्सली घटनाओं में इस साल कमी आई. सरकार ने सीमा पर चौकसी मजबूत करने के लिए तमाम उपाय किए.

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सीमा पर मुस्तैद जवान
सीमा पर मुस्तैद जवान

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साल 2016 में भारत की आतंरिक सुरक्षा और सीमा सुरक्षा से जुड़ी तमाम बड़ी घटनाएं हुईं. आतंकी हमले हुए, सरहद पर माहौल गर्म रहा लेकिन पिछले साल की तुलना में नक्सली घटनाओं में इस साल कमी आई. सरकार ने सीमा पर चौकसी मजबूत करने के लिए तमाम उपाय किए.

इस साल सुरक्षाबलों पर हुए बड़े आतंकी हमले

2 जनवरी 2016: पंजाब में पठानकोट एयरबेस पर सीमापार से आए आतंकियों ने हमला किया. इस हमले में 7 जवान शहीद हो गए थे जबकि 20 अन्य घायल हो गए. पांच दिनों तक चले ऑपरेशन में 6 आतंकी भी मारे गए.

21 फरवरी, 2016: श्रीनगर में एक सरकारी इमारत में घुसे आतंकवादियों से मुठभेड़ में सेना के दो कैप्टन सहित तीन कमांडो शहीद हो गए. हमले शामिल चारों आतंकी भी मार गिराए गए.

25 जून, 2016: पंपोर में श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाइवे के पास सीआरपीएफ के काफिले पर हमले में 8 जवान शहीद हो गए जबकि 20 अन्य घायल हो गए.

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15 अगस्त, 2016: स्वतंत्रता दिवस की परेड के 2 घंटे बाद श्रीनगर के नौहट्टा इलाके में आतंकी हमले में सीआरपीएफ के कमांडेंट प्रमोद कुमार शहीद हो गए जबकि 9 अन्य जवान जख्मी हो गए.

18 सितंबर, 2016: उरी में सेना के कैंप पर आतंकी हमले में 18 जवान शहीद हो गए. सेना की जवाबी कार्रवाई में सभी चार आतंकी भी मारे गए.

28-29 सितंबर, 2016: सेना के स्पेशल कमांडो ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया. कमांडो ने आतंकवादियों के तमाम ठिकानों ध्वस्त कर दिए जिसमें 50 से अधिक आतंकी मारे गए. करीब चार घंटे तक चले इस ऑपरेशन में पाकिस्तानी सेना को भी काफी नुकसान हुआ.

2 अक्टूबर, 2016: आतंकियों ने बारामूला में आर्मी कैंप को निशाना बनाने की कोशिश की. आतंकी नाकाम रहे तो वहां स्थि2त बीएसएफ कैंप पर हमला किया. सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच ढाई घंटे तक मुठभेड़ चली. इसमें बीएसएफ का एक जवान शहीद हो गया.

22 नवंबर, 2016: जम्मू-कश्मीर के माछिल सेक्टर में एलओसी पर सीमापार से हुए हमले में भारतीय सेना के 3 जवान शहीद हो गए. पाकिस्तानी सैनिकों ने एक जवान के शव के साथ बर्बरता भी की.

नक्सलियों के खिलाफ अभियान/बड़े नक्सली हमले

30 मार्च, 2016: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में मालेवाड़ा जंगल में नक्सलियों द्वारा किए गए बारूदी सुरंग विस्फोट में सीआरपीएफ के सात जवान शहीद हो गए. छतीसगढ़ के ही नारायणपुर में आईटीबीपी और पुलिस के संयुक्त अभियान में तीन नक्सली मारे गए.

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14 जून, 2016: छत्तीसगढ़ के कोंडागांव और नारायणपुर जिले की सीमा पर स्थित टेटम गांव में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में एसआई सहित तीन जवान जख्मी हो गए, जबकि 10 नक्सली मारे गए.

18 जुलाई, 2016: बिहार के औरंगाबाद जिले में बारूदी सुंरग में धमाके होने की वजह से सीआरपीएफ के 10 कोबरा जवान शहीद हो गए. सीआरपीएफ ने बाद में तीन नक्सलियों को भी मार गिराया. बताया गया कि सुरक्षा मानकों में चूक की वजह से जवानों का नुकसान हुआ.

सीमा पर चौकसी
सरकार ने सरहद पार से होने वाली घुसपैठ की घटनाओं पर लगाम कसने के लिए तमाम उपाय भी किए. पंजाब से लगी भारत-पाकिस्तान सीमा पर एक दर्जन 'लेजर दीवारें' सक्रिय हो गई हैं. इससे बिना बाड़ का रिवराइन (नदी या उसके किनारे के करीब) क्षेत्र और जोखिम भरे इलाकों में घुसपैठियों और आतंकवादियों की गतिविधियों पर सुरक्षा एजेंसियां असरदार तरीके से निगरानी रख सकेंगी.

लेजर वॉल बनने के बाद अगर बिना बाड़बंदी वाले रास्ते से कोई भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश करेगा तो अलार्म सुरक्षा बलों को अलर्ट कर देगा. इस्राइल समेत कई मुल्कों में सीमा पर चौकसी के लिए इन तकनीकों का इस्तेमाल पहले से ही हो रहा है.

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