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मेक इन इंडियाः एयरबस की सालाना खरीद 50 करोड़ डॉलर से ज्यादा

यूरोपीय विमानन कंपनी एयरबस ने कहा है कि 2015 में उसने भारत से 50 करोड़ डॉलर सालाना खरीद के लक्ष्य को पार कर लिया. समूह का दावा है कि भारत में यह स्तर हासिल करने वाली वह पहली विदेशी एयरोस्पेस एवं डिफेंस ऑरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (ओईएम) है.

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हर एयरबस कमर्शियल एयरक्राफ्ट आंशिक रुप से 'मेड इन इंडिया' है
हर एयरबस कमर्शियल एयरक्राफ्ट आंशिक रुप से 'मेड इन इंडिया' है

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एयरबस ग्रुप ने सोमवार को कहा कि अभी बनने वाला उसका हर एयरबस कमर्शियल एयरक्राफ्ट आंशिक रूप से 'मेड इन इंडिया' है. इस यूरोपीय विमानन कंपनी ने कहा है कि 2015 में उसने भारत से 50 करोड़ डॉलर सालाना खरीद के लक्ष्य को पार कर लिया. समूह का दावा है कि भारत में यह स्तर हासिल करने वाली वह पहली विदेशी एयरोस्पेस एवं डिफेंस ऑरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (ओईएम) है.

सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में बड़ी खरीद
एयरबस का कहना है कि सरकारी और निजी, दोनों क्षेत्रों के 45 से ज्यादा सप्लायरों के यहां कार्यरत 6 हजार से अधिक लोग उसे इंजिनियरिंग एवं आईटी सर्विसेज, एयरो स्ट्रक्चर्स, डिटेल पार्ट्स और सिस्टम्स, मटीरियल एवं कैबिन उपलब्ध करा रहे हैं. ये मटीरियल और सिस्टम ए 380, ए 350, ए 350 एक्सडब्ल्यूबी, ए 320 फैमिली, ए 330, सी 295 डब्ल्यू, ए 4400 एम, यूरोफाइटर, टाइगर और एनएच 90 जैसे लीडिंग प्लेटफॉर्म्स के लिए उपलब्ध कराई जा रही हैं.

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एक दशक में 16 गुना बढ़ी खरीद
अब समूह की नजर साल 2020 तक सिविल और डिफेंस दोनों में दो अरब डॉलर की इकट्ठी खरीद पर है. भारत से खरीद के मामले में 2014 की तुलना में पिछले साल 15 फीसदी की बढ़त हुई है. कंपनी ने कहा है कि एयरबस ग्रुप की भारत से खरीद बीते एक दशक में 16 गुना बढ़ी है. कंपनी के मुताबिक आज उसका हरेक एयरबस कमर्शियल एयरक्राफ्ट आंशिक रूप से 'मेड इन इंडिया' होता है.

रिक्टर बोले- मजबूत करेंगे भारत से रिश्ते
एयरबस ग्रुप और एयरबस के चीफ प्रोक्योरमेंट ऑफिसर क्लॉस रिक्टर ने कहा कि इंडियन सप्लायर्स हमारी ग्लोबलाइजेशन स्ट्रैटिजी के प्रमुख स्तंभ हैं. उन्होंने कहा कि इंडियन पार्टनर्स के साथ हमारे कई प्रॉजेक्ट्स बेहद सफल रहे हैं. आगे हमारा मकसद इस रिश्ते को मजबूती प्रदान करने की है.

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