शिवसेना ने रविवार को सरकार से अलगाववादियों द्वारा ‘पाकिस्तान का झंडा लहराने और पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने’ को हत्या के बराबर जघन्य अपराध घोषित करने की मांग की. इसके साथ ही इस तरह के कृत्य के लिए और कड़ी सजा देने के लिए कानून बनाने की मांग की.
शिवसैनिकों ने कश्मीर घाटी में अलगाववादियों द्वारा पाकिस्तान के झंडे लहराने और पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने के खिलाफ अपने नेता डिंपी कोहली के नेतृत्व में श्रीनगर और दक्षिण कश्मीर के दूसरे इलाकों में विरोध प्रदर्शन किया.
पाकिस्तान और अलगाववाद विरोधी नारेबाजी के बीच उन्होंने अलगाववादियों के पुतले भी जलाएं. पार्टी नेता कोहली ने कहा कि पाकिस्तानी झंडे लहराना और पाकिस्तान समर्थक नारे लगाना कश्मीर में रोजमर्रा की चीज हो गई है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
उन्होंने कहा, 'वे भूल रहे हैं कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत एक है और इस जमीन पर कोई राष्ट्रविरोधी काम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.' कोहली ने कहा, 'हम सांसदों से इस तरह की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों से निपटने के लिए कड़े कानून बनाने की अपील करते हैं. इसे हत्या के बराबर एक जघन्य अपराध के तौर पर देखा जाना चाहिए और इस तरह के कामों के लिए मौत की सजा मिलनी चाहिए.'
कश्मीर में लोग पाकिस्तान का झंडा फहराते रहेंगे: गिलानी
दूसरी ओर कट्टरपंथी हुर्रियत कांफ्रेंस ने कहा कि लोग कश्मीर में उसकी रैलियों में पाकिस्तानी झंडे फहराते रहेंगे. गिलानी ने अपने आवास पर एक समारोह में कहा, 'पाकिस्तानी झंडे फहराए गए हैं (कश्मीर में) और इंशाअल्लाह भविष्य में भी फहराए जाएंगे, क्योंकि पाकिस्तान हमारा पड़ोसी और शुभचिंतक है.'
इस वर्ष 15 अप्रैल से कश्मीर में कई अलगाववादी रैलियों में पाकिस्तानी झंडे फहराए गए, जिस पर विपक्षी दलों ने राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की.
पहली घटना 15 अप्रैल को हुई जब दिल्ली से लौटने पर गिलानी के स्वागत में हुर्रियत की तरफ से आयोजित रैली में पाकिस्तानी झंडे फहराए गए. राज्य सरकार ने इसके जवाब में मसर्रत आलम को गिरफ्तार कर लिया और उस पर लोक सुरक्षा कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया.
गिलानी ने कहा कि कश्मीर के लोगों ने भारत का बुरा नहीं चाहा बल्कि 'देश को अपना ईश्वर बना लिया.'
- इनपुट भाषा